साल 2024 में जहां कुल 238 कार्रवाई की गई है, तो सिर्फ तीन माह 25 सितंबर से लेकर 31 दिसंबर तक 120 कार्रवाई की गई, जिसमें सिर्फ अकेले ट्रैप के 95 मामले दर्ज किए गए हैं। बड़ी संया में पहुंची शिकायतों पर जांच भी हो रही है।
ट्रैप की कार्रवाई में इंदौर, जबलपुर अव्वल
लोकायुक्त की ट्रैप की कार्रवाई के मामले में यदि संभागों की बात की जाए तो इंदौर संभाग अव्वल है। यहां साल 2024 में 53 कार्रवाई की गई है, जो प्रदेश के अन्य संभागों के अपेक्षाकृत सबसे ज्यादा है। वहीं दूसरे नंबर पर जबलपुर है, जहां 42 कार्रवाइयां की गई हैं। ये भी पढ़ें: नया नियम- 1 जनवरी से बंद हो जाएंगे 3 तरह के बैंक अकाउंट भ्रष्टाचारियों की फाइलें नहीं रोक पाएंगे अफसर
जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश में अब जांच के बहाने अफसर भ्रष्टाचारियों की फाइलें लंबे समय नहीं रोक पाएंगे। हर फाइल सरकार तक नहीं भेजी जाएगी। नियुक्तिकर्ता अधिकारी को ही अभियोजन स्वीकृति के अधिकार सरकार ने दे दिए हैं। यहां तक कि अनुमति देने की टाइमलाइन भी तय कर दी। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में कहा है कि नियुक्तिकर्ता अधिकारी परीक्षण में पाता है कि प्रकरण अभियोजन स्वीकृति के योग्य है तो उसे 45 दिन में स्वीकृति जारी करनी होगी।