इस धंधे में करीबी रहे एक साथी ने पत्रिका को बताया, उसका ज्यादातर काम कैश में ही होता था। सफेद बोलेरो एमपी 04 जेड़ई 2168 से कैश सप्लाई करता। आयकर टीम को मेंडोरा में उसके राजदार चेतन की गाड़ी से 52 किलो सोना व 11 करोड़ कैश मिलने से भी सौरभ के कैश में कारोबार की पुष्टि होती है। उसके ऑफिस से नोट गिनने की मशीन और बहीखातों से जांच एजेंसियों को ऐसे प्रमाण मिले हैं।
एजेंसियां इस एंगल से भी जांच कर रही हैं कि क्या सौरभ हवाला कारोबार से भी जुड़ा था। उसकी पत्नी दिव्या और राजदार शरद जायसवाल अब भी जांच एजेंसियों की पकड़ से बाहर हैं।
यूपी पुलिस ने एक साल में किए नौ चालान, आरटीओ ने किया ब्लॉक
2 जनवरी 2023 को खरीदी गाड़ी चेतन सिंह के नाम से रजिस्टर्ड है। यूपी पुलिस ने इसके नौ चालान काटे, जिनमें से आठ पेंडिंग हैं। ललितपुर आरटीओ ने गाड़ी को लॉक कर दिया है। सवाल है कि आखिर गाड़ी में ऐसा या काम होता था जो बार-बार नियमों को तोडऩा पड़ता।
तीन दिन में तीन अलग बयान
30 दिसंबर-
सर्च में चेतन के नाम 6 करोड़ की एफडी मिली। सौरभ के परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर 4 करोड़ से अधिक का बैंक बैलेंस मिला। सौरभ की कई कंपनियों और परिवार के सदस्यों के नाम पर 23 करोड़ की अचल संपत्तियों के दस्तावेज और अन्य संदिग्ध दस्तावेज।
31 दिसंबर-
6 करोड़ की एफडी, चार करोड़ के बैंक बैलेंस, 50 लाख के चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज और 23 करोड़ की नकदी बरामद। 01 जनवरी-
6 करोड़ की एफडी, 4 करोड़ रुपए के बैंक बैलेंस और23 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज बरामद।
316 परिवहन आरक्षकों में से छांटे थे 4 राजदार
ग्वालियर. सौरभ अफसर-नेताओं को मैनेज करता और टीम वसूली का काम संभालती। सौरभ ने परिवहन विभाग के 316 आरक्षकों में नरेंद्र भदौरिया, गौरव पाराशर, धनंजय चौबे और हेमंत जाटव को काम के लिए छांटा। इन राजदार चार आरक्षकों के जरिए ही बैरियर पर वसूली का सिस्टम चलाता। इनके इशारे पर आरटीओ चैकपोस्ट पर 40 कटर टीम (प्राइवेट लोग) उगाही करती। अब चारों की संपत्ति और पोस्टिंग का ब्यौरा खंगाला जा रहा है। आरटीआइ एक्टिविस्ट संकेत साहू ने परिवहन आयुक्त कार्यालय से जानकारी मांगी है।