MP में जन्मा था मोगली, जंगल बुक के गाने ने मचा दी धूम
भारत में ब्रिटिश सल्तनत के वक्त के MP के सिवनी के जंगल में एक बालक जो जंगली भेड़ियों के बीच पला-बढ़ा, उस दौर की किंवदंती आज भी मानी जाती है। यहां जन्मे मोगली ने आज दुनियाभर में धूम मचा दी है…।
मुम्बई/भोपाल। 90 के दशक में हर एक के दिल-ओ-दिमाग पर छा चुका मोगली का गाना एक बार फिर लौट आया है। गाना जंगल-जंगल बात चली है पता चला है… आते ही हिट हो गया है। गुरुवार को फिल्म द जंगल बुक का पहला गाना रिलीज किया गया। पहले ही दिन इसके नए संस्करण को ऑनलाइन देखने वालों की संख्या लाखों में पहुंच गई है।
गुरुवार को इसे यूट्यूब और फेसबुक पर रिलीज किया गया है। फेसबुक पर देखने वालों का आंकड़ा 1 लाख 41 हजार 746 है। करीब पांच हजार लोगों ने कमेंट किया है। वहीं यूट्यूब पर इसे पहले दिन 9500 लोगों ने देखा है।
इससे पहले फिल्म के दो ट्रेलर रिलीज कर दिया गए हैं। हिंदी रूपांतरण में बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार प्रियंका चोपड़ा, इरफान खान, नाना पाटेकर, ओम पुरी और शेफाली शाह ने अपनी आवाजें दी हैं।
नाना पाटेकर तब भी अब भी
यह फिल्म 1967 में वॉल्ट डिज्नी की एनिमेटेड फिल्म का रीमेक है। इसके हिंदी संस्करण में प्रियंका ने अजगर का को, इरफान ने भालू बलू और शेफाली ने भेडिय़ा रक्षा को अपनी आवाज दी है। ओम पुरी ने फिल्म में काले तेंदुए बघीरा और नाना पाटेकर ने शेर खान को अपनी आवाज दी है। नाना पाटेकर ने 90 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली एनिमेटेड सीरीज में भी शेर खान को अपनी आवाज दी थी। भारत में यह फिल्म आठ अप्रैल को रिलीज होगी।
दो दशक पहले मचाई थी दूरदर्शन पर धूम
बीस साल पहले हर रविवार को भारत में ”जंगल-जंगल बात चली है पता चला है…’ इस टाइटल सॉन्ग ने धूम मचा दी थी। ‘द जंगल बुक’ का प्रमुख किरदार मोगली पर फिल्माया गया था। उस समय सीरियल के इस गीत पर राजनीति भी खूब गरमाई थी। कांग्रेस ने तो इस गीत की शिकायत भी चुनाव आयोग में कर दी थी।
सिवनी के जंगल में मिला था मोगली
भारत में ब्रिटिश सल्तनत के वक्त MP के सिवनी के जंगल में एक बालक जो जंगली भेड़ियों के बीच पला-बढ़ा, उस दौर की किंवदंती आज भी मानी जाती है। कई लोग इसे सही घटना मानते है। कहा जाता है कि एक बालक जो जंगलों की वादियों में पला, वह भेड़ियों की संगत में रहकर भेडियों की तरह हरकतें करता था।
सिवनी में था मोगली का घर
वन्यजीवन का अध्ययन करने वाले बताते हैं कि सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व में ोगली का घर था। इसके प्रमाण सर विलियम हेनरी स्लीमन के लेख ”एन एकाउंट ऑफ वाल्वस नरचरिंग चिल्ड्रन इन देयर डेन्स” नामक दस्तावेज में बताए गए हैं।
दस्तावेज में यह भी उल्लेख है कि पेंच के संतबावड़ी ग्राम में 1831 में एक बालक मिला था, जो जंगली भेड़ियों के साथ गुफाओं में रह रहा था। ‘जंगल बुक’ के लेखक रूडयार्ड किपलिंग ने बैनगंगा नदी, कछारों और पहाड़ियों की चर्चा की थी। वह भौगोलिक स्थिति वास्तव में इस क्षेत्र से मेल खाती है।
750 वर्ग किमी में फैला है पेंच
सिवनी के पास स्थित पेंच टाइगर रिजर्व 750 वर्ग किमी में फैला है। पेंच राष्ट्रीय उद्यान और सेंचुरी का कोर एरिया 410 वर्ग किमी में है।