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बैन के 5 माह बाद भी सिंगल यूज प्लास्टिक पर नहीं लग सकी रोक, कागज भी नहीं बन पा रहा विकल्प

– 5 महीने बाद भी भोपाल में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन पर कोई रोक नहीं।- दुकानदारों को विक्लप नहीं मिल रहा, तो कई जागरूक ही नहीं।

भोपालNov 14, 2022 / 08:03 pm

Faiz

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बैन के 5 माह बाद भी सिंगल यूज प्लास्टिक पर नहीं लग सकी रोक, कागज भी नहीं बन पा रहा विकल्प

शगुन मंगल

भोपाल. देशभर में 1 जुलाई, 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लग गया है। लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अबतक बैन का असर दिखाई नहीं दे रहा है। शुरूआत में दुकानदारों ने सिंगल यूज प्लास्टिक सामान जैसे- डिस्पोजेबल ग्लास, प्लेट, चम्मच और अन्य चीजें रखना बंद कर दिया था। लेकिन, लगभग 5 महीने बाद एकमात्र बदलाव ये दिखाई देता है कि, ये अब दुकानों के कोने में छिपे हुए रहते हैं।


कागज की स्ट्रॉ गल रही, विक्लप नहीं मिल रहा

एमपी नगर स्थित हॉकर्स प्वॉइट में जूस व अन्य ड्रिंक्स के दुकानदार ने बताया कि प्लास्टिक स्ट्रॉ का विकल्प रखते हैं लेकिन वो मंहगा पड़ता है। कागज की स्ट्रॉ गल जाती है। कई बार एक ही ग्राहक को एक ग्लास जूस के साथ 2-3 बार स्ट्रॉ देनी पड़ जाती है। ऐसे में ये हमें बहुत मंहगी पड़ती है।

 

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न जागरूकता अभियान न कोई एक्शन

जब सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू हुआ, तो नगर निगम ने कहा था कि व्यापारियों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि उन्हें पता चल सके कि कौन से आइटम सिंगल यूज प्लास्टिक में आते हैं और इसके बजाय वे क्या उपयोग कर सकते हैं। इसका उल्लंघन करने वालों को दंडित भी किया जाना था। लेकिन तो जागरूकता अभियान चलाया गया और न ही कोई एक्शन लिया गया।

 

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सिंगल यूज प्लास्टिक के विक्लप बहुत मंहगे

सब्जी बेचने वाले ज्यादातर सब्जियों के बीच प्लास्टिक की थैलियां छिपाकर रखते हैं। बाग सेवनिया के एक ठेले वाले ने बताया कि अब तक दो बार चालान कट चुका है। लेकिन प्लास्टिक की थैलियां ही सस्ती पड़ती है। 35 रूपए में प्लास्टिक की 100 थैलियां आ जाती है जबकि अन्य थैलियां 150 रूपए में केवल 80 आती है। इसे तो हम जितना कमाते है उससे अधिक खर्चा पड़ जाता है।

 

ये सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम बैन है। 1 जुलाई से करीब 19 वस्तुओं के निर्माण, भंडारण, आयात, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह से बैन लग गया है। इनमें ये शामिल हैं –

-स्ट्रॉ (पेय पदार्थ पीने वाला पाइप)
-स्टिरर ( पेय पदार्थ घोलने वाली प्लास्टिक की छड़)
-इयर बड
-कैंडी
-गुब्बारे जिसमें प्लास्टिक की छड़ लगी होती है
-प्लास्टिक के बर्तन (चम्मच, प्लेट आदि)
-सिगरेट के पैकेट
-पैकेजिंग फिल्म और साज सज्जा में इस्तेमाल होने वाला थर्मोकोल

 

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क्या कहते हैं जिम्मेदार ?

इस संबंध में भोपाल नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी ने बताया कि, इसके लिए ग्राहकों और दुकानदारों को व्यापक रूप से जागरूक करने की जरूरत है। हम इसके लिए कोशिश कर रहे हैं।

 

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