मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा सोमवार को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने आई थीं। दोनों ही साध्वी ने राम जन्मभूमि पर बने बाबरी ढांचे को गिराने और रामलला का नया मंदिर बनवाने के लिए काफी लड़ाई लड़ी थी। आज दोनों ही दिग्गज यही सोंच रही होंगी कि उस समय का संघर्ष और कष्टों में जीवन बिताने के बाद आज सुखद पल आ गया है। उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा ने रामजन्म भूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। राम लला सोमवार को 22 जनवरी 2024 को अपने मंदिर में विराजमान हो रहे हैं। उमा भारती दो दिन पहले अयोध्या पहुंच गई थी, अयोध्या में काफी ठंड होने के कारण उन्हें बुखार भी आ गया है।
क्या बोलीं ऋतंभरा
इससे एक दिन पहले अयोध्या पहुंची साध्वी ऋतंभरा ने कहा था कि 500 साल के संघर्ष की यात्रा के बाद हमने यह पाया है कि हमारे रामलला मंदिर में विराजेंगे। मैं आपको बता देना चाहती हूं कि भारत के बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने इस संकल्प की पूर्ति के लिए जूते तक नहीं पहने, पगड़ी नहीं पहनी, कुछ लोग तो अन्न तक त्याग कर चुके हैं। कई स्त्रियों ने बाल खोलकर रखे, उनका संकल्प था कि जब तक भगवान का मंदिर बनेगा तब ही वे अपने संकल्प को तोड़ेंगे। ऋतंभरा ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारी पीढ़ी को इस सौभाग्य को देखने का मौका मिल रहा है। परी दुनिया के सनातनियों को इसकी बहुत-बहुत बधाई।
दो दिन पहले पहुंच गई थी उमा
इधर, उमा भारती भोपाल से अयोध्या दो दिन पहले पहुंच गई थीं। उन्होंने अयोध्या पहुंचकर जानकारी दी थी कि यहां बहुत ठंड होने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई है, उन्हें बुखार आ रहा है, दवा का भी असर नहीं हो रहा है। लेकिन, राम लला के लिए मुझे आना ही था।