पिछले साल 29 अप्रैल को जब आरबीआई गवर्नर रहते जब रघुराम राजन भोपाल आए थे तब वे विवादों में पड़ गए थे। भोपाल नगर निगम उन्हें बर्थ सर्टिफिकेट गिफ्ट करना चाहता था। एक दिन में ही सारी प्रोसेस कर तैयार हुए इस बर्थ सर्टिफिकेट में नगर निगम ने राजन के जन्म नाम के आगे डॉक्टर लिख दिया था। इसके साथ ही उनका पता भी नहीं लिखा था। जब मामला गर्माया तो तत्कालीन कमिश्नर छवि भारद्वाज ने किसी सर्टिफिकेट के जारी होने से ही इनकार कर दिया।
3 फरवरी 1963 को राजन का जन्म भोपाल में ही एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। राजन की माता का नाम मयथिली और पिता का नाम आर गोविंद राजन है।
स्वीडन के स्टॉकहोम में इसकी घोषणा सोमवार को होने वाली है। द वॉल स्ट्रीट जनरल के अनुसार संभावित नोबल पुरस्कारों की सूची में रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का नाम शामिल कर लिया गया है। विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजन का नाम कार्पोरेट फायनेंस के क्षेत्र में उनके द्वारा किए कार्यों को आधार बनाकर इस सूची में शामिल किया गया है। भारत में पिछले साल हुई नोटबंदी के बाद राजन ने मोदी सरकार के इस कदम को अधूरा प्रयोग बताया था।
जब राजन भोपाल आए थे तब वे रायसेन जिले के सलामतपुर गांव की तरक्की ने वे इतना हैरान थे कि इसकी हकीकत जानने उन्हें इस गांव में आना पड़ा। वे बच्चों से मिले, सड़क किनारे जुटे लोगों के बीच खड़े होकर बातचीत की। उन्होंने देखा कि कभी ये गांव झोपड़पट्टियों वाला था, पर आज यहां पक्के मकान हैं। इमारतें भी हैं। हर किसी के पास रोजगार है और यहां की औसतन मासिक आय करीब 10 हजार रुपए है। राजन एक छोटे से कार्यक्रम में भी शामिल हुए जिन्होंने स्वयं सहायता समूह का हिस्सा बनकर अपनी किस्मत बदल ली।
1913 में बंगाली भाषा के साहित्यकार रवींद्र नाथ टैगोर को साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला था। वे पहले गौर यूरोपीय और भारतीय व्यक्ति थे, जिन्हें यह सम्मान मिला।
1930 में सर चंद्रशेखर वेंकटरमन को भतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला। प्रकाश के प्रकीर्णन पर काम करने पर उन्हें यह पुरस्कार मिला। उन्हें 1954 भारत रत्न भी दिया गया था। मदर टेरेसा
1979 में मदर टेरेसा को कोलकाता में कुष्ठ रोगियों की सेवा में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
1998 में आर्थिक विज्ञान के क्षेत्र में योगदान देने वाले अर्थ शास्त्री अमर्त्य सेन को यह सम्मान मिला था। वेंकटरमन रामकृष्णन
2009 में रसायन विज्ञान के क्षेत्र में वेंकटरमन रामकृष्णन को यह सम्मान दिया गया था। वे लंदन के रॉयल सोसायटी के अध्यक्ष थे।
मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के रहने वाले कैलाश सत्यार्थी को 2014 में में यह सम्मान दिया गया था। उन्होंने बच्चों की शिक्षा और उनके अधिकारों समेत बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए काफी काम किया था।