scriptकोरोना की तीसरी लहर से बचपन बचाने की तैयारी | Preparations to save children from the third wave of Corona | Patrika News
भोपाल

कोरोना की तीसरी लहर से बचपन बचाने की तैयारी

मिशन-4 डी से सुरक्षित होगा बचपन, प्रदेश में 11 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित, इन्हें तीसरी लहर से बचाने की रहेगी चुनौती।

भोपालMay 16, 2021 / 07:32 am

Hitendra Sharma

mission_4_d.jpg

भोपाल. प्रदेश में ढाई करोड़ से ज्यादा बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं। कोरोना से करीब 0.34 फीसदी बच्चे प्रभावित हुए हैं। सरकार के सामने कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को सुरक्षित रखने के साथ उन बच्चों की जिंदगी बचाना बड़ा लक्ष्य है जो पहले से कुपोषण के शिकार हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 11 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित बच्चे हैं। इनमें एक लाख से ज्यादा तो अतिकुपोषित हैं। चिंता इस बात की है कि कोरोना गांव-गांव तक पहुंच गया है। कुपोषण वाले जिलों में भी संक्रमण बढ़ रहा है। सरकार इस चिंता से वाकिफ है और इसके लिए वो तैयारी भी कर रही है। बचपन को बचाने के लिए सरकार मिशन-4 डी पर काम कर रही है।

सभी ब्लॉक में किया हेल्थ टीमों का गठन
बचपन को बचाने के लिए सरकार मिशन मोड में काम कर रही है। कुपोषित बच्चों के लिए सरकार ने 4 डी कार्यक्रम शुरू किया है। यानी डिफेक्ट एट बर्थ, डेफीशिएन्सीज, चाइल्डहुड डिजीज, डेपलपमेंटल डिले और डिएबीलिटीज। मतलब बच्चे के जन्म के समय किसी अंग में डिफेक्ट, कमजोरी, बचपन की बीमारी, विकास में देरी और अपंगता पर इस मिशन के जरिए फोकस किया जाएगा। इस मिशन में वे सभी बच्चे आएंगे जो कुपोषण के कारण कम वजन के हैं। प्रदेश के सभी 313 ब्लॉक में मोबाइल हेल्थ टीम का गठन किया गया है। शहरी क्षेत्रों में 120 और ग्रामीण क्षेत्रों में 580 मोबाइल हेल्थ टीम काम कर रही हैं। हर टीम में दो डॉक्टर, एक फॉर्मासिस्ट और एक एएनएम है। माइक्रोप्लान के आधार पर रोजाना सौ से ज्यादा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। कुपोषण के लिए एकीकृत प्रबंधन रणनीति के तहत विशेष पोषण और देखभाल से बच्चों को सामान्य पोषण स्थिति में लाया जा रहा है। बच्चों को पुनर्वास केंद्रों में भी ले जाया जा रहा है।

पोषण आहार कार्यक्रम बनाना होगा
कुपोषण पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सचिन जैन कहते हैं कि इस स्थिति से निपटने सरकार को गंभीर प्रयास करने होंगे। दो साल के लिए पोषण आहार कार्यक्रम को सभी बच्चों के लिए संपूर्ण पोषण आहार कार्यक्रम बनाना होगा, ताकि बच्चों में इम्युनिटी बढ़ सके। उपस्वास्थ्य, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कर्मियों को तैनात करना होगा जो तत्काल इलाज मुहैया करा सकें। बड़वानी, श्योपुर, आलीराजपुर, मुरैना, गुना जिलों में ज्यादा कुपोषण है वही इंदौर, सागर, मंदसौर, उज्जैन नरसिंहपुर जिलों में कम कुपोषण है।

Must see: MP में कोरोना के ताजा आंकड़े

https://www.dailymotion.com/embed/video/x81almh

Hindi News / Bhopal / कोरोना की तीसरी लहर से बचपन बचाने की तैयारी

ट्रेंडिंग वीडियो