भूरी बाई की आंखें छलक उठीं
जैसे ही पीएस ने सेल्फी ली, भूरी बाई की आंखें छलक उठीं। ये देख पास खड़े पद्मश्री पिल तिवारी मुस्कुरा दिए। पीएस शुक्ला ने श्रोताओं से कहा कि भूरी बाई एमपी में कला और संस्कृति की समृद्ध परंपरा का प्रतिनिधित्व करने वाली रियल सिलेब्रिटी हैं। इनके साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को सेल्फी लेना चाहिए। ताकि सभी लोग इससे मोटिवेट हो सकें। इस मौके पर भूरी बाई वक्तव्य देते हुए भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि मैं झोपड़ी में रहती थी। अपने घर से झोले में रोटियां लेकर भारत भवन आती थी और यहां के पेड़ के नीचे बैठकर खाती थी। मैं स्वामीनाथन जी की शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझे मजदूर से चित्रकार बना दिया। उन्होंने मेरी कला को समझा और मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि आज में यहां वही पारंपरिक ड्रेस पहनकर आई हूं, जो यहां मजदूरी करते हुए पहना करती थी।
सभी को मौका देना होगा
लोक कला मर्मज्ञ पद्मश्री डॉ. कपिल तिवारी ने कहा कि कोरोना जैसे डरावने माहौल में भी हम यहां जीवन का जश्न मना रहे हैं। मनुष्य का जीवन से अनुराग बहुत बड़ा होता है। मैंने जब संस्कृति विभाग में काम करना शुरू किया था तो न मुझमें कुछ समझ थी और न ही सीख। लेकिन लगातार काम करते हुए, सृजनकारों को सुनने, देखते और उनके साथ रहते हुए सब सीखा। हमें अपनी कंफर्ट जोन से बाहर निकलना होगा। कला अमीरी-गरीबी नहीं, प्रतिभा की मोहताज होती है। मुझे अतिथि होने में संकोच और प्रसन्नता दोनों हो रही है, क्योंकि मैं तो भारत भवन की यात्रा का सहभागी रहा हूं।