इस संबंध में कमलनाथ का कहना है कि, मध्य प्रदेश के साढ़े चार लाख से ज्यादा शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त पेंशनर्स 17 फीसदी महंगाई राहत की मांग लगातार कर रहे हैं। लेकिन, सरकार उनकी इस मांग पर अबतक गंभीर नहीं हुई है। हालात ये हैं कि, सेवानिवृत्त लोगों को वृद्धावस्था में जल सत्याग्रह जैसा कठोर कदम उठाना पड़ रहा है। आए दिन खुद को श्रवण कुमार घोषित करने वाले मुख्यमंत्री को तुरंत ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों से उनको हुए कष्ट के लिए माफी मांगने के साथ साथ महंगाई राहत देनी चाहिए।
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टालमटोल और बहानेबाजी कर रही सरकार- कमलनाथ
कमलनाथ ने आगे ये भी कहा कि, जुलाई 2022 से शासकीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को देय महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी होना भी संभावित है। पेंशनर्स इस लाभ के भी हकदार हैं। महंगाई राहत का अंतर भी काफी ज्यादा हो जाएगा। भारत सरकार में कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता और राहत साथ-साथ देने की नीति का पालन होता आ रहा है लेकिन, मध्य प्रदेश में इस नीति का पालन वर्षाे से नहीं कर रहा। अब तो पेंशनर्स सत्याग्रह के मार्ग पर चल पड़े हैं और नर्मदा जल में आधा डूबकर सत्याग्रह भी कर रहे हैं, लेकिन पेंशनर्स को महंगाई राहत देने के लिए सरकार कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रही। सरकार द्वारा सिर्फ मामले को टालने और बहानेबाजी करने में समय बिताया जा रहा है।
शिवराज कैबिनेट ने DA के साथ DR बढ़ाने को मंजूरी
गौरतलब है कि, प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को 31 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है, लेकिन पेंशनरों को अब तक लिर्फ 17 फीसदी डीआर ही दिया जा रहा है। हालांकि, शिवराज कैबिनेट ने डीए के साथ डीआर में भी 11 फीसदी बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इससे कर्मचारियों को 31 फीसदी डीए का फायदा मिल रहा है। हालांकि, पेंशनर्स को अब भी इंतजार है, क्योंकि आदेश जारी करने के लिए प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) की संवैधानिक बाध्यता के कारण छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना जरूरी है। इसके लिए बीते दिनों मध्य प्रदेश के वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र भी लिखा था, लेकिन उसपर सहमति नहीं दी है।
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कमलनाथ की मांग
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में तीन लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली के लिये, साढ़े चार लाख से अधिक पेंशनर्स अपनी पेंशन में महंगाई राहत के लिये और लाखों सरकारी कर्मचारी पूर्व मे दिये महंगाई भत्ते के एरियर्स और शेष देय महंगाई भत्ते की मांग सरकार से कई बार और निरंतर कर रहे हैं, परन्तु सरकार इन मांगों को अनदेखा कर रही है। उन्होंने शिवराज सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स की मांगों पर अविलंब सकारात्मक निर्णय लें। कर्मचारियों और पेंशनर्स को तत्काल महंगाई राहत एवं एरियर्स देने के आदेश जारी कराएं।
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