दमोह संसदीय क्षेत्र पर पड़ सकता है असर
पटेल और पदाधिकारियों की मुलाकात नए समीकरण सामने ला सकती है। क्योंकि अभी मलैया एपिसोड पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। मलैया खेमा और पटेल खेमा दमोह उपचुनाव की हार के बाद आमने-सामने है, जिसका असर आने वाले समय में पूरे दमोह संसदीय क्षेत्र में नजर आ सकता है।
चाय पर चर्चा में सियासी मुद्दे हुए गर्म
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत और हितानंद शर्मा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से मिलने उनके निवास पर पहुंचे थे। इस दौरान चाय पर अनौपचारिक रूप से सियासी मुद्दों पर चर्चा हुई। पटेल का संगठन से इस तरह मेल-मिलाप बढ़ाना महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पटेल पिछले एक दशक से ज्यादा समय से प्रदेश भाजपा संगठन में सक्रियता नहीं दिखा रहे थे। दमोह उपचुनाव की हार के बाद से उनका प्रदेश संगठन से मेलजोल बढ़ गया है। बरसों बाद वे प्रदेश भाजपा के पश्चिम बंगाल की हिंसा पर विरोध आंदोलन में शामिल हुए। प्रदेश कार्यालय गए और पदाधिकारियों से भी मुलाकात की। इसके बाद भी यह सिलसिला थमा नहीं है। अब भोपाल से दिल्ली तक मेल मुलाकातें हो रही हैं।
दरअसल, बुंदेलखंड की राजनीति में प्रहलाद अब सक्रिय भूमिका निभाने की मंशा रखते हैं। उन्हें उमा भारती का समर्थक माना जाता है। ऐसे में उनकी सक्रियता से बैक-सपोर्ट पर कई सवाल उठ रहे हैं। फिलहाल पूरा मामला दमोह उपचुनाव की हार और मलैया परिवार पर एक्शन को लेकर चल रहा है। आगे यह दूसरी सीटों तक भी असर दिखा सकता है।
मध्यप्रदेश के दमोह उपचुनाव में हार का मुंह देखने वाली भाजपा में अंतर कलह और दर्द उभरकर सामने आने लगा है। भाजपा ने हार का ठीकरा अपने ही वरिष्ठ नेता पर फोड़ दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तो यहां तक कह दिया कि हम जयचंदों के कारण हारे। चुनाव हारने के बाद राहुल लोधी ने हार के लिए पूर्व मंत्री जयंत मलैया को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं मलैया ने कहा है कि वे खुद अपने कर्मों से हारे।
पीएम से जयंत मलैया की शिकायत
खबर है कि केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने दमोह उपचुनाव में भाजपा की हार के लिए पूर्व मंत्री जयंत मलैया समेत कई नेताओं के खिलाफ शिकायत की थी। पटेल ने यह शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमित शाह से की थी। इस संबंध में उन्होंने एक पत्र भी लिखा था।