महाकाल एक्सप्रेस-वे
मध्य प्रदेश के
उज्जैन में इसी साल 1-2 मार्च 2024 को हुए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में अडानी समूह ने महाकाल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की घोषणा की थी। अडानी समूह ने कहा था कि वह धर्मनगरी उज्जैन को राजधानी भोपाल से जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 5000 करोड़ रूपए का निवेश करेंगे। यह रास्ता इंदौर होते हुए निकलेगा, जिससे उज्जैन और इंदौर के बीच यात्रा 45 मिनट कम हो जाएगी। इस एक्सप्रेस-वे की कुल दुरी 198 किलोमीटर होगी।
नर्मदा एक्सप्रेस-वे
नर्मदा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट कुल 30,000 करोड़ रूपए की लागत से
अमरकंटक से अलीराजपुर तक पूरे राज्य के 13 क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। ये 1300 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे आगे जाकर एमपी को अमरकंटक के रास्ते छत्तीसगढ़ और अलीराजपुर के रास्ते गुजरात से जोड़ेगा। इस प्रोजेक्ट से अमरकंटक, डिंडोरी, शाहपुरा, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, हरदा, खिरकिया, पुनासा, हरसूद, खंडवा, मुंडी, ओंकारेश्वर, कुक्षी, बड़वाह और अलीराजपुर को फ़ायदा पहुंचेगा।
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यह एक्सप्रेस-वे राजधानी
भोपाल को सिंगरौली से जोड़ेगा। 13,500 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाला 660 किलोमीटर का यह विंध्य एक्सप्रेस-वे एमपी के भोपाल, दमोह, सीधी, कटनी, रीवा, सागर और सिंगरौली जिलों से होकर निकलेगा। एक्सप्रेस-वे औद्योगिक क्लस्टर और रोजगार के अवसर पैदा करके विंध्य क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
मालवा निमाड़ विकास पथ
यह एक्सप्रेस-वे 450 किलोमीटर लंबा होगा, जो
मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, धार, अलीराजपुर और बुरहानपुर को जोड़ेगा। इसे मालवा निमाड़ विकास पथ के नाम से भी जाना जाएगा। साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ को लेकर यह एक्सप्रेस-वे काफी अहम है। इसके निर्माण में 7972 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
अटल प्रगति पथ
चंबल एक्सप्रेस-वे के नाम से जाना जाने वाले इस प्रोजेक्ट को 23,700 करोड़ की लागत से राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच बनाया जाएगा। यह 404 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। यह एक्सप्रेस-वे भारतमाला परियोजना का एक हिस्सा है, जो राजस्थान के कोटा से होते हुए एमपी के
ग्वालियर, श्योपुर, भिंड और मुरैना (चंबल क्षेत्र) को कवर करते हुए यूपी के इटावा तक जाएगा।
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मध्य भारत और दक्षिणी राज्यों के बीच माल और यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए इस इकोनॉमिक कॉरिडोर की घोषणा की गई थी। यह एमपी के
इंदौर, खंडवा और बुरहानपुर से होकर महाराष्ट्र के नांदेड़ और वाशिम के रास्ते तेलंगाना के हैदराबाद तक जाएगा। मध्य प्रदेश में इसकी लंबाई 300 किमी होगी और कुल लंबाई 713 किलोमीटर की होगी। इसकी लागत 6000 करोड़ रुपए आने का अनुमान है।
भोपाल-कानपुर इकनोमिक कॉरिडोर
भोपाल को कानपुर से जोड़ने के लिए इस इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। इसकी अनुमानित लागत लगभग 12,000 करोड़ रुपए है। यह कॉरिडोर भोपाल से शुरू होगा और फिर सांची,
विदिशा, ग्यासपुर, राहतगढ़, सागर, छतरपुर के सतई घाट और ओरछा से होते हुए उत्तर प्रदेश के कानपुर तक जाएगा। इसकी कुल दूरी 526 किलोमीटर है, जिसका 360 किलोमीटर का हिस्सा मध्य प्रदेश में है। इससे भोपाल से कानपुर तक जाने का समय काफी घट जाएगा।
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मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच परिवहन को ज्यादा मजबूत करने के लिए आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे की नींव रखी गई है। इसकी लागत करीब 2500 करोड़ रुपए होगी, जो 88 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। यह ग्वालियर के निरवाली तिराहा से शुरू होकर झांसी,
शिवपुरी, भिंड, मुरैना और दतिया से होते हुए उत्तर प्रदेश के आगरा तक जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे से ग्वालियर से आगरा की 3 घंटे की दूरी 2 घंटे में तब्दील हो जाएगी।06:57 PM