ताजा मामला भिंड जिले का है, यहां सीएम राइज स्कूल में अंग्रेजी विषय के शिक्षक की हाल ही में नौकरी लगी थी। जब सरकार को पता चला कि उनकी तीसरी संतान भी है, तो उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई।
मध्यप्रदेश के भिंड जिले के सीएम राइज स्कूल में अंग्रेजी विषय के शिक्षण गणेश प्रसाद शर्मा की हाल ही में माध्यमिक शिक्षक वर्ग-2 में भर्ती हुई थी। गणेश प्रसाद की नियुक्ति के बाद उनके खिलाफ शिकायत हुई, तो जांच में पाया गया कि 26 जनवरी 2001 के बाद उनकी तीसरी संतान भी है। जांच में यह भी पता चला कि नियुक्ति के दौरान शपथ-पत्र में गणेश प्रसाद शर्मा ने गलत जानकारी देकर नियुक्ति हासिल की थी।
सरकार ने पूछा तीसरा बच्चा पैदा करने का कारण, अब 1000 शिक्षकों की नौकरी खतरे में
यह है सरकारी नियम
राज्य सरकार के नियमों के अनुसार कोई भी सरकारी सेवक जिसकी तीसरा संतान 26 जनवरी 2021 के बाद पैदा हुई है, वे सरकारी नौकरी के पात्र नहीं हैं। यदि इस तारीख के बाद तीसरी संतान जनम लेती है तो सरकारी नौकरी के लिए अपात्र हो जाएंगे। इसी नियम के तहत गणेश प्रसाद शर्मा की नियुक्ति निरस्त कर दी गई है।
पहले भी आए कई मामले
मध्यप्रदेश में जून 2023 माह में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जिसमें रहमत बानो मंसूरी को तीसरी संतान होने पर पिछले 7 जून 2023 को पद से हटा दिया था। उन्हें हटाने के पीछे मध्यप्रदेश सिविल सेवा 1961 नियम छह का उल्लंघन होना पाया गया था। रहमत बानो की शिकायत मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस ने 2020 में की थी। नौकरी जाने के बाद रहमत आर्थिक संकट में आ गई हैं।
इसके बाद रहमत बानो मंसूरी हाईकोर्ट पहुंची अब वे उनके ब्लाक के 34 शिक्षकों की सूची भी लगा रही है, जिनके 3 या उससे अधिक बच्चे हैं। वह भी इस नियम के तहत आते हैं। बताया जा रहा है कि यह मामला जरूर स्कूल शिक्षा विभाग का है, लेकिन अन्य विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
एक हजार से ज्यादा की जा सकती है नौकरी
बताया जा रहा है कि रहमत बानो प्रकरण अब सामने हैं, इसके आधार पर दूसरे डिपार्टमेंट भी इस तरह की शिकायतें लेकर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग में ही एक हजार से अधिक नाम सामने आ चुके हैं, जिनकी तीसरी संतान भी है।
यह भी हो चुका है कारनामा
एक साल पहले मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में 955 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिनकी तीन या तीन से अधिक संतान हैं। इस कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था। यह मामला सुर्खियों में आ गया था, जब विधानसभा में तीन या तीन से अधिक संतान वाले कर्मचारियों के बारे में प्रश्न पूछा गया था। इन सभी से जवाब मांगा गया था। इनमें से 156 शिक्षकों ने जवाब दिया था, इनमें से कई कर्मचारियों ने नौकरी बचाने के लिए तीसरी संतान को गोद देने जैसे दावे भी किए थे। किसी ने लिखा था कि ऑपरेशन फेल हो गया था।