यह आंकड़ा चिंताजनक
लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक करीब 84 करोड़ लोग पीठ दर्द से परेशान होंगे। ऐसे में लोअर बैक पैन आने वाले दिनों में हेल्थकेयर सिस्टम पर एक बड़ा बोझ होगा। समय पर इलाज न मिला तो विकलांगता तक आ सकती है। भोपाल के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सुनील पाण्डेय ने हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस में रिसर्च पेपर को साझा किया। इसमें दावा किया गया है कि एंजाइटी, डिप्रेशन, धूम्रपान, अत्यधिक शराब पीना और खराब जीवनशैली ने कमर और पीठ दर्द की समस्या को बढ़ाने का कार्य किया है। यही वजह है कि बीते पांच सालों में पीठ व कमर दर्द के मरीजों की संया लगातार बढ़ती जा रही है।
इसलिए हो रहा कमर दर्द
● बेली फैट: बेली फैट वाले या जिनका पेट निकला होता है, उनका शरीर अंसतुलित हो जाता है. इससे लिगामेंट्स खिंचते हैं। ● गलत तरीके से उठना बैठना: ऑफिस या घर में गलत तरीके से बैठना। बढ़ती उम्र में शरीर का लचीलापन कम हो जाता है। इसलिए दर्द बढ़ता है। ● एक्सरसाइज न करना: भाग दौड़ भरी जिंदगी में खुद को समय नहीं दे पाना। इससे हड्डियों और मांसपेशियों सहित कई चीजें कमजोर हो जाती हैं। ● कमजोर हड्डियां: बढ़ती उम्र के साथ शरीर कमजोर होने लगता है और हड्डियां और मांसपेशियों कमजोर होने लगती हैं।
● हर्नियेटेड डिस्क: हर्नियेटेड डिस्क रीढ़ के निचले हिस्से को कहते हैं। किसी वजह से ये बाहर निकल जाता है तो कमर दर्द का कारण बनता है।
इस बार की थीम, सपोर्ट योर स्पाइन
सिडेंट्री (सुस्त) लाइफ स्टाइल की वजह से स्पाइन से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं। गलत तरीके से बैठने और लेटने से स्पाइन का कर्व नेचर प्रभावित हो रहा है। इस साल विश्व स्पाइन दिवस की थीम सपोर्ट योर स्पाइन है। इसके लिए एक्टिव लाइफ स्टाइल बेहद जरूरी। जिससे स्पाइन के आसपास की मसल की स्ट्रेंथ बढ़े और बोन को जरूरी सपोर्ट मिल सके। डॉ. सुनीत टंडन, प्रोफेसर, ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट (जीएमसी) व अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल ये भी पढ़ें: डिप्रेशन का खतरनाक ट्रेंड, 1997 से 2012 के बीच जन्मे लोगों को बना रहा शिकार, पेरेंट्स रहें अलर्ट