खेल प्रतिभा होने के कारण पीडि़ता को खेल विभाग के अफसर जुलाई में जब भोपाल लेकर आए तो मेडिकल करवाया गया था। तब से ही वह होस्टल में रह रही थी। यौन शोषण के मामले के बाद खेल विभाग और पुलिस ने यह कहना शुरु कर दिया कि पीडि़ता नानी का नानी के घर भी आना-जाना था। कुछ अफसरों ने तो पीडि़ता के होस्टल में रहने से ही इंकार कर दिया है।
पीडि़ता की उम्र को लेकर भी अलग-अलग बाते सामने आ रही है। टीटी नगर टीआई वीरेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि पीडि़ता की उम्र १९ साल है। वह नाबालिग नहीं हैं। वहीं पीडि़ता ने डॉक्टरों को १८ साल बताया है। आशंका है कि पीडि़ता नाबालिग भी हो सकती है। जिस समय पीडि़ता का यौन शोषण हुआ, उस समय वह नाबालिग की रही है।
पीडि़ता अनाथ होने के कारण उस पर दबाव बनाकर उसका बयान बदलवाया गया है। डॉक्टरों के पूछने पर पीडि़ता सही बात कहने लगी तो उसे रोक दिया गया। बाद में पीडि़ता को अस्पताल लाने वालों ने उसे समझाया कि एेसा नहीं कहना और पुलिस को बता दो कि कोई कार्रवाई नहीं चाहती है।