कारम बांध की पाल का निर्माण अक्टूबर अंत से फिर से शुरू किया जाएगा। बांध से कैनाल बनाकर पानी बहाए जाने से 15 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। जल संसाधन विभाग ने यह आकलन किया है. अधिकारियों का कहना है कि अब इस राशि की भरपाई बांध का निर्माण कर रही सारथी कंपनी को ही करनी पड़ेगी। उसे अगले साल तक यह बांध बनाना होगा। सरकार कंपनी से राहत और बचाव का पूरा खर्च भी वसूलेगी। इस संबंध में जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता एमएस डाबर का कहना है कि बांध का काम उसी कंपनी से कराएंगे पर उसे कोई अतिरिक्त राशि नहीं दी जाएगी।
दोनों कंपनियों को प्रदेश सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर पंजीयन निरस्त कर दिया – 304 करोड़ रुपये की कारम परियोजना के तहत बांध का निर्माण करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। बांध के पाल से पानी रिसने की घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में बांध निर्माण में गड़बड़ी की बात कही गई है. यह बात भी सामने आई कि विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने ठीक से निगरानी भी नहीं की। बांध निर्माण का ठेका दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था। कंपनी ने ग्वालियर की सारथी कंपनी को यह काम सौंप दिया और उसने एक अन्य ठेकेदार से निर्माण करवाना चालू किया। दोनों कंपनियों को प्रदेश सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर पंजीयन निरस्त कर दिया जबकि विभाग के आठ अधिकारियों को निलंबित किया है।