मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में प्रदेश के कुछ सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि लाभ के लिए याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने इस पर सुनवाई के बाद सरकार को कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ देने के निर्देश दिए हैं।
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सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने याचिका में बताया कि सिर्फ एक दिन पहले रिटायरमेंट की वजह से उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि देने से वंचित कर दिया गया। युगलपीठ ने कर्मचारियों का तर्क स्वीकार करते हुए माना कि एक दिन पूर्व सेवानिवृत्त किए जाने के कारण कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि से वंचित नहीं किया जा सकता।
हाईकोर्ट ने इसके साथ ही 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत कर्मचारियों को भी वेतन वृद्धि देने का आदेश जारी किया। पीठ ने अपने फैसले में इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया।
वन विभाग के रिटायर कर्मचारी रवि श्रीवास्तव, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण से सेवानिवृत्त हुए निर्मल कुमार जैन, अशोक कुमार पचौरी, किसान विकास एवं कृषि विभाग के पूर्व कर्मचारी हरि सिंह गौर, पुलिस विभाग के ललित कुमार गर्ग, जल संसाधन विभाग के कमलेश कुमार जैन आदि ने ये याचिका लगाई थी।
याचिका में कहा गया था कि कर्मचारियों को 1 जुलाई को और 1 जनवरी को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाता है।
याचिकाकर्ता 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर हुए जिसके कारण उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया गया।
कार्यरत कर्मचारियों के लिए अहम फैसला
प्रदेश के पूर्व कर्मचारियों के हक में सुनाया गया हाईकोर्ट का यह फैसला कार्यरत कर्मचारियों के लिए भी बेहद अहम है। कोर्ट का फैसला नजीर बन सकता है। हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद अब 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होनेवाले कर्मचारियों को सरकार को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ देना अनिवार्य हो गया है।