सीकर के इन युवाओं ने किया ऐसा काम, अब ग्रामीण कर रहे इन्हें सलाम बैंकों को दिए निर्देश नोटबंदी के दौरान कई लोगों ने अपने विभिन्न खातों में अलग-अलग रकम जमा कराई। आरबीआई के सामने ऐसे कई मामले आए हैं जिनमें पैन नंबर नहीं होने के चलते विभिन्न खातों में 50 हजार से कम की रकम जमा की गई। इससे अधिक जमा कराने पर पैन नंबर देना अनिवार्य था। इसके बाद आरबीआई ने हाल ही में सभी बैंकों को ये आदेश जारी किए हैं। आदेश जारी होने के साथ ही बैंक खाते में 5 लाख से ज्यादा जमा, फार्म-60 देने के बाद ही निकाल सकेंगे रुपए।
हे भगवान! ये क्या, इस बीमारी से 124 मरीजों में 13 की मौत, फिर भी नहीं भेजा गया इसका नमूना बिना पैन कार्ड के नहीं खुल रहे खाते हाल ही में बैंक और पोस्ट ऑफिस में खुलने वाले सभी तरह के खातों के लिए इनकम टैक्स विभाग ने पैन नंबर या फार्म-60 अनिवार्य कर दिया है। जिन्होंने अपने खातों में पैन नंबर नहीं दर्ज करवाया है उन्हें 28 फरवरी तक अनिवार्य रूप से अपने खातों में पैन नंबर दर्ज कराना होगा।
एसीबी की कार्रवाई, फतेहपुर में रिश्वत लेते पकड़ा गया ये सब इंस्पेक्टर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पास नहीं पैन नम्बर बैंक और इनकम टैक्स के जानकारों के अनुसार 50 प्रतिशत लोगों के बैंक अकाउंट से पैन कार्ड अटैच नहीं है। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोगों के पास पैन कार्ड ही नहीं हैं। बैंक अधिकारियों का कहना है कि पहले पैन नंबर के बिना ही अकाउंट खुल खोले जाते थे। लोगों ने बिना पैन कार्ड के ही एकाउंट खुलवा रखे हैं। बड़ी मात्रा में लोग वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड या राशन कार्ड से अकाउंट खुलवाते थे। ऐसे में पैन कार्ड के प्रति लोगों में जागरूकता नहीं है।
पांच दिन में नहीं लगाए ये शिक्षक तो रद्द की जाएगी इनकी मान्यता 50 प्रतिशत लोगों के खातों से नहीं जुड़ा है पैन कार्ड पैन कार्ड को बैंकों ने अनिवार्य तो कर दिया है। आम तौर पर पैनकार्ड बनने में एक से डेढ़ माह तक का समय लग रहा है। ऐसे में अगर किसी को अचानक से आवश्यकता पड़ जाए और वह रिटर्न भरता है तो उसके पास तुरंत पैसा निकालने का कोई विकल्प नहीं रहेगा। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का मानना है कि सरकार ने ज्यादा से ज्यादा खातों को पैन नंबर से जोडऩे के लिए यह कदम उठाया है। इससे आम आदमी को परेशानी सकती है।