प्याज उत्पादन में अलवर के बाद दूसरे पायदान पर शामिल सीकर जिले में प्याज के भावों को देखते हुए किसान तेजी से नए प्याज की रोपाई और खुदाई में लगे हुए हैं। व्यापारियों की माने तो मंडी में स्थानीय प्याज की आवक बढ़ने लगी है, जिससे मंडी में प्याज की खपत मांग की तुलना में हो गई है।
ऐसे में आगामी दिनों में प्याज के भावों में गिरावट के आसार हैं। सीकर मंडी में इन दिनों सीकर, रसीदपुरा, अलवर, नासिक से प्याज आने लगा है। वहीं रोजाना मंडी से करीब एक हजार से ज्यादा कट्टों की आवक हो रही है। जिले के 50 हजार किसान प्याज की खेती से जुड़े हुए हैं। सबसे ज्यादा धोद ब्लॉक में खेती होती है।
मिल रहा लागत मूल्य
किसानों के अनुसार इस बार साल की शुरुआत से प्याज के औसत भाव लागत की तुलना में ज्यादा रहे हैं, जिससे किसानों का रुझान प्याज की बुवाई के प्रति बढ़ गया। वहीं इस बार मानसून सीजन के दौरान अच्छा मौसम रहने के कारण प्याज के बीज के भाव भी कम रहे। ऐसे में इस बार प्याज के भाव लागत से ज्यादा रहने के आसार हैं।
अब बढ़ेगी आवक
सीकर में सर्दी के सीजन का प्याज अगस्त माह में बोया जाता है। रोपाई के समय मौसम अनुकूल नहीं रहने के कारण कई जगह प्याज की पौध नष्ट हो गई थी, जिसके बाद प्याज के भाव तेज होने शुरू हो गए।
इस पर किसानों ने महंगे भावों में प्याज लगाया और तैयार होने से पहले से खुदाई शुरू कर दी। जिले में इस बार सर्दी के सीजन वाले प्याज की बुवाई की जा रही है। आगामी दिनों में नया प्याज आने से भावों में थोड़ी गिरावट आने की वजह से राहत मिली है।
इनका कहना है
शादियों का सीजन थमते ही प्याज के भावों में गिरावट का दौर शुरू हो गया है। एक सप्ताह के दौरान ही प्याज के थोक भाव पन्द्रह रुपए प्रति किलो तक गिर गए हैं। मंडी में इन दिनो सीकर के आस-पास के क्षेत्र से प्याज की आवक हो रही है।
देवीलाल चौधरी, थोक व्यापारी