ये भी पढ़ें: अक्षय कुमार की मूवी OMG 2 होगी बैन, बिना अनुमति के महाकाल परिसर में फिल्माए ऐसे दृश्य
जाने कैसे हो जाते हैं आप नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज का शिकार
खाना पचाने से लेकर खून साफ करने तक लिवर कई सारे काम करता है। गहरे लाल-भूरे रंग वाले इस अंग का वजन 1500 ग्राम के आसपास होता है। शराब इसकी सबसे बड़ी दुश्मन है, जो इसे गलाकर फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस जैसी खतरनाक बीमारी बना सकती है। लेकिन मगर शराब के अलावा भी कुछ खाद्य पदार्थ लिवर को खराब कर सकते हैं। इस बीमारी को नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज कहा जाता है। यानी कम या बिल्कुल शराब ना पीने वाले लोगों के लिवर की सेल्स में फैट का बढऩा। यह बीमारी आजकल आम हो चली है। अब युवाओं में भी इसके मामले सामने आने लगे हैं। ये हैं हाई ट्राइग्लिसराइड वाले फूड दरअसल नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर का बड़ा कारण हाई ट्राइग्लिसराइड वाले फूड हैं। इसलिए इन्हें कंट्रोल में खाना चाहिए।
नारियल, आलू, चावल, हनी सिरप, मक्खन आदि में ये फैट बहुत ज्यादा होता है। हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजें खाने से प्री-डायबिटीज और डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। यह फैटी लिवर बीमारी का मुख्य कारण है। इसलिए गुलाब जामुन, अन्य मिठाई, सफेद ब्रेड, आलू, सफेद चावल, सॉफ्ट ड्रिंक जैसी चीजों से आज से ही दूरियां बना लें, इन्हें कम से कम खाएं। मोटापा बढ़ाने वाली चीजें इन फूड हेबिट से मोटापा बढ़ता है और मोटापे के साथ ही लिवर पर कब फैट चढ़ जाए पता भी नहीं चलता। इसलिए ज्यादा खाना खाने, मीठा, प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, फैट फूड, तेल आदि का सेवन ना करें। यह खाद्य पदार्थ लिवर को खराब कर सकते हैं। त्रिफला चूर्ण करता है लिवर की सफाई त्रिफला चूर्ण लिवर की सफाई करने वाला माना जाता है। इससे फैट कम हो जाता है और इसका कामकाज बढ़ जाता है। त्रिफला पाउडर को आंवला, हरड़ और बहेड़ा का पाउडर मिलाकर बनाते हैं। इसका सेवन करने से लिवर डिटॉक्स होता है। जिससे लिवर पहले से बेहतर तरीके से काम करने लगता है।
ये भी पढ़ें: ‘एमपी में का बा’ पर बीजेपी महिला मोर्चा का फूटा गुस्सा, ‘सीएम शिवराज से माफी मांगे नेहा’