ये दवाएं होंगी महंगी
जीवन रक्षक दवाओं की सूची में 875 से ज्यादा दवाएं शामिल हैं। इनमें डायबिटीज, कैंसर, हेपेटाइटिस, हाई ब्लड प्रेशर, गुर्दे की बीमारी आदि के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एंटी रेट्रोवायरल शामिल हैं। इन दवाओं की कीमत पर सरकारी नियंत्रण होता है। जो कंपनियां जरूरी दवाओं की सूची में शामिल नहीं हैं, उन्हें कीमत सालाना 10 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति है। दवा बाजार का 30 प्रतिशत से ज्यादा डायरेक्ट प्राइस कंट्रोल के अधीन है। दवाइयां हर इंसान की जरुरत हैं ऐसे में दवाइयों के दामों में होने वाले बढ़ोत्तरी से सीधे तौर पर आम जनता के जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा और उस पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ेगी।
MP टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट का पेपर लीक होने का दावा, युवक ने सीएम को ट्वीट कर की जांच की मांग
चीन से आता है ज्यादातर कच्चा माल
देश में दवाएं बनाने के लिए ज्यादातर कच्चा माल चीन से आता है। कोरोना महामारी के कारण इसकी सप्लाई काफी प्रभावित हुई है। दवा कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक दवाओं के लिए कच्चा माल जर्मनी और सिंगापुर से भी आता है, लेकिन चीन के मुकाबले इनकी कीमत ज्यादा होती है। इसी कारण ज्यादातर कंपनियां चीन से खरीदारी करती हैं। एंटीबायोटिक दवाओं का भी ज्यादातर कच्चा माल भी चीन से आता है।