इसी के चलते कांग्रेस इस बार भाजपा से मुकाबले वाली 100 सीटों पर 15 फरवरी तक टिकट देने की योजना पर कार्य कर रही है। सूत्रों के अनुसार इन 100 सीटों में से मध्यप्रदेश की भी करीब 5 सीटें शामिल हैं। जो या तो भाजपा का गढ़ रहीं हैं, या अधिकांश भाजपा ही इन सीटों पर जीतती रही है।
सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश में कांग्रेस भोपाल,विदिशा, जबलपुर,उज्जैन सहित इंदौर सीटों पर खास ध्यान देने का मन बना रही है। इनमें भी इंदौर को छोड़ बाकि सीटों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा सकता है।
ये है मामला…
दरअसल लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने सभी राज्यों के प्रभारियों से 31 जनवरी तक संभावित प्रत्याशियों की सूची मांगी है। पार्टी का इरादा है कि चुनावों की घोषणा से पहले कम से कम 100 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएं।
वहीं सूची तैयार करने में जुटे एक महासचिव ने बताया कि पार्टी ने 15 फरवरी तक पहली सूची जारी करने की मंशा जताई है। हालांकि, तारीख बदलते समीकरणों के हिसाब से फरवरी के अंतिम सप्ताह तक भी खिसकाई जा सकती है।
31 जनवरी तक विशेषकर उन सभी सीटों के प्रत्याशियों की सूची तैयार हो जाएगी, जहां भाजपा से आमने-सामने का मुकाबला करना है। जहां गठबंधन होना है, वहां से भी सूची मंगवाई है।
ये है खास…
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस दन क्षेत्रों को अपना खास टार्गेट बना रही है, जहां भाजपा के गढ़ हैं साथ ही इन गढ़ों के नेता न केवल अपने क्षेत्र में जीतते आ रहे हैं, बल्कि अन्य क्षेत्रों को भी बुरी तरह से प्रभावित करते हैं।
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राजनीति के जानकार डीके शर्मा बताते हैं कि कांग्रेस को देखकर लगता है कि इस बार वह भाजपा की नीति अपनाती दिख रही है, जिसके तहत वह भाजपा के प्रमुख नेताओं को उन्हीं के घरों में उलझाकर रखना चाहती है।
इसके अलावा भाजपा के प्रमुख नेताओं को भी कांग्रेस इसी तरह की उलझन में डालने की कोशिश करती दिख रही है, ताकि वे दूसरे क्षेत्रों में प्रचार करने से पहले अपनी सीट को बचाने की कोशिशों मे जुटे रहें।
इसके लिए जहां एक ओर भाजपा से ही भाजपा को लड़ाती दिख रही है वहीं कुछ जगहों पर अपने बड़े नेताओं का सहारा या किसी बाहरी ऐसे व्यक्ति को जिसका जनता में खास होल्ड हो लाने की कोशिश में दिखती है।
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ये है मप्र की वो खास सीटें… 1. भोपाल लोकसभा सीट : यह सीट लंबे समय से भाजपा के कब्जे में रही है। एक ओर जहां प्रदेश की राजधानी होने के चलते इसका अपना खासा महत्व है। वहीं कांग्रेस अब हर कीमत पर भाजपा के इस गढ़ को तोड़ना चाहती है। इसी के चलते कांग्रेस अपना पहला दांव पूर्व सीएम बाबूलाल गौर पर चलती दिख रही है। वहीं इसके अलावा भोपाल से कांग्रेस के ही कुछ और नेताओं के नाम भी आ रहे हैं।5. इंदौर लोकसभा सीट: मध्यप्रदेश में ये भाजपा का बेहद मजबूत किला माना जाता है। देश प्रदेश में ताई के नाम से जाने जानी वालीं भाजपा की सांसद सुमित्रा महाजन यहां पिछले 8 बार से सांसद बनती आ रही हैं।