सीएम मोहन बोले- बहनों के खाते में पैसे पहुंचते हैं तो कांग्रेसी छाती पीटते हैं
सीएम मोहन यादव ने आगे कहा कि हमारे भगवानों के नामों में भी चाहे राधे कृष्ण कहें या सीताराम, सभी में पहले माता का नाम आता है। डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हम मातृशक्ति का सम्मान करते हैं, बहनों के खातों में जब पैसे डालते हैं, तो कांग्रेस के लोग छाती पीटते हैं। वो कहते हैं अरे क्यों दे रहे हो, क्यों पैसे बर्बाद कर रहे हो। लेकिन माता-बहनों को दिया हुआ कोई भी पैसा बेकार नहीं जाता। एक-एक पैसे का सदुपयोग होगा। लेकिन वही पैसा अगर उन हाथों में जाएगा जो हमेशा जनता पर डाका डालते रहे हैं, जनता को लूटते रहे हैं, तो जरूर बर्बाद होगा।
कांग्रेस लगातार कर रही पैसे बढ़ाने की मांग
कांग्रेस के पीसीसी चीफ जीतू पटवारी लगातार लाड़ली बहनों की मासिक किस्त 3000 हजार रूपए करने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर हेमंत कटारे भी कई बार सरकार से आग्रह कर चुके हैं कि लाड़ली बहनों के पैसे बढ़ाकर 3000 हजार रुपए कर दिए जाए।
आखिर इतनी चर्चाओं में क्यों रहती है लाड़ली बहना योजना
लाड़ली बहना योजना की शुरुआत तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार ने चुनाव ने विधानसभा चुनाव 2023 से पहले की थी। विधानसभा चुनावों में बीजेपी की सत्ता में वापसी कराने वाली लाड़ली बहना योजना ही थी। राजनीतिक विश्लेषक तो यहां तक बताते हैं कि अगर लाड़ली बहना योजना न होती बीजेपी केंद्र में भी सरकार न बना पाती।
वजह साफ थी कि जहां भाजपा-संघ की अंदरूनी रिपोर्ट तक कह चुकी थी कि कांग्रेस एमपी में अपनी सरकार बनाने जा रही थी, लेकिन लाड़ली बहनों के मूड को न कांग्रेस भांप पाई, न बीजेपी, न सर्वे एजेंसियां और नतीजे आए तो सब चौंक गए।