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इन शब्दों का मतलब जान लेंगे तो बिना एक्सपर्ट को सुनें घर बैठे समझ जाएंगे Budget2019

समझेें, बजट 2019 के जटिल शब्दों के मायने, जिससे बजट समझने में आपको होगी आसानी

भोपालJul 05, 2019 / 01:49 pm

Muneshwar Kumar

Budget 2019

Budget 2019

भोपाल. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) मोदी सरकार-2 का पहला बजट ( udget 2019 ) पेश किया है। अगर आप अर्थशास्त्र के जानकार नहीं हैं तो बजट को बिना एक्सपर्ट की मदद के समझना आसान नहीं होता है। क्योंकि बजट ( parliament budget session ) में कई ऐसे जटिल शब्द होते हैं, जिसका मायने शायद आम आदमी समझ पाता है। ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट ( general budget ) पेश कर दिया। ऐसे में हम आपको बजट के उऩ जटिल शब्दों का मतलब बता रहे हैं, जिससे आप घर बैठे ही बजट ( budget announcement ) की बारीकियों को समझ सकते हैं।
1. सबसे पहले बात राजकोषीय घाटा ( fiscal deficit ) की करते हैं। चाहे केंद्र का हो या फिर राज्य का हर बजट में यह शब्द प्रयोग में आता है। दरअसल, किसी भी सरकार की आय का मुख्य स्त्रोत विभिन्न तरह के कर होते हैं। इसके साथ ही सरकार खर्च भी करती है। लेकिन कर से आए राशि से अगर सरकार अधिक खर्च करती है तो वह कर्ज लेती है। जो राशि सरकार कर्ज लेती है वह राजकोषीय घाटा होता है। आसान शब्दों में समझें तो आय से ज्यादा जो खर्च की गई राशि होती है वही राजकोषीय घाटा होता है।
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2. इसके साथ ही बजट के दौरान सबसे ज्यादा विनिवेश ( disinvestment ) शब्द का प्रयोग होता है। विनेवेश का शब्द का खासतौर पर प्रयोग बड़ी कंपनियां या सरकारी संस्थाएं करती हैं। जिसका मतलब ये होता है कि कोई ऐसा निवेश जिसमें पर्याप्त लाभ नहीं हो रहा है तो उस निवेश को प्लानड तरीके से निवेश का कुछ हिस्सा बेचकर, निवेश को लाभप्रद बनाना होता है। दरअसल, इसका यूज किसी कंपनी के आधारभूत बदलाव कर उसको लाभप्रद बनाना होता है।
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3. इसके साथ ही बजट घाटा ( Budgetary deficit ) शब्द का प्रयोग भी बजट के दौरान खूब होती है। बजट घाटा की स्थिति दरअसल, तब प्राप्त होती है जब खर्चे, प्राप्त राजस्व से अधिक हो जाते हैं। इसमें सरकार की कर्ज देनदारी शामिल नहीं होती है।
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4. बजट आए या नहीं लेकिन भारतीय राजनीति में जीडीपी ( GDP ) की खूब चर्चा होती है। हिंदी में जीडीपी का मतलब सकल घरेलू उत्पाद होता है। आसान शब्दों में इसका मतलब ये होता है कि एक वित्तीय वर्ष में देश की सीमा के भीतर उत्पादित कुल वस्तुओं और सेवाओं का कुल जोड़ होता है। इसे एक तरह से पूरी अर्थव्यवस्था का आकार मानते हैं और इसमें बढ़त की दर को ही अर्थव्यवस्था की तरक्की दर मानी जाती है।
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5. बांड ( bond ) का भी बजट के दौरान खूब प्रयोग होते हैं। इसका सीधा मतलब है कि यह कर्ज का सर्टिफिकेट होता है, जिसे कोई सरकार या कॉरपोरेशन जारी करती है ताकि पैसा जुटाया जा सके।
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6. समेकित कोष बजट ( Consolidated Fund ) में प्रयोग होने वाला यह शब्द काफी महत्वपूर्ण होता है। भारत सरकार का यह वह कोष होता है, जिसमें सरकार को प्राप्त राजस्व, खर्चे के इश्यूड ट्रेजरी बिल्स और वसूले गए कर्जे आदि को शामिल किया जाता है।
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8. बैलेंस बजट का भी बजट के दौरान प्रयोग होने वाला शब्द है। इसका मतलब यह होता है कि एक केंद्रीय बजट बैलेंस बजट तब कहलाता है, जब वर्तमान प्राप्तियां मौजूदा खर्चों के बराबर होती है।
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9. शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म गेन इस शब्द का प्रयोग सिर्फ बजट के दौरान ही नहीं, अगर आप भी कहीं पूंजी निवेश करने जाते हैं तो आपके सामने एजेंट यह विकल्प देता है। इसका मतलब होता है कि अगर आप एक साल से कम के लिए कहीं निवेश कर लाभ कमाते हैं तो वह अल्पकालिक पूंजीगत लाभ होता है यानी शॉर्ट टर्म गेन। वहीं, आप एक साल से अधिक के लिए पैसा निवेश कर लाभ कमाते हैं तो वह दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ होता है यानी कि लॉन्ग टर्म गेन होता है।
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10. बजट में बैलेंस ऑफ पेमेंट ( balance of payments ) का भी खूब यूज होता है। इसका मतलब यह है कि देश और बाकी दुनिया के बीच हुए वित्तीय लेनदेन के हिसाब को भुगतान संतुलन या बैलेंस ऑफ मोमेंट कहा जाता है।
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11. कॉरपोरेट टैक्स ( corporate tax ) कॉरपोरेट संस्थानों या फर्मों पर लगाया जाता है, जिसके जरिए सरकार को आमदनी होती है। लेकिन जीएसटी आने के बाद यह खत्म हो गई है।

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12. बजट में सीमा शुल्क ( excise duties ) की भी चर्चा खूब होती है। सीम शुल्क यानी कि एक्साइज ड्यूटी उन वस्तुओं पर लगता है, जो देश में आयात की जाती है या फिर देश के बाहर निर्यात की जाती है।
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13. सेस और सरचार्ज ( उपकर और अधिभार ) किसी टैक्स के साथ किसी विशेष उदेश्य के लिए धन इकट्ठा करने के लिए, कर आधार पर ही लगाया जाता है। जैसे स्वच्छ भारत आदि जैसे योजनाओं के नाम पर यह राशि आमलोगों से वसूला जाता है। जेनरली इसे इनकम टैक्स पर लगाया जाता है।
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14. बजट में आकस्मिक कोष शब्द का प्रयोग भी खूब होता है। इस फंड का आकस्मिक व्यय को पूरा करने के लिए राशि रखी जाती है। इससे व्यय ऐसे मुद्दों पर किया जाता है जिनको टाला नहीं जा सकता है लेकिन बाद में संसद से अनुमति लेकर संचित निधि से रुपया लेकर इसमें डाल दिया जाता है। इस फंड पर राज्यों में राज्यपाल और केंद्र के संबंध में राष्ट्रपति का अधिकार होता है।
15. डायरेक्ट टैक्स ( direct taxes ) भी बजट में महत्वपूर्ण शब्द होता है। इसका मतलब है कि किसी भी व्यक्ति और संस्थानों की आय और उसके स्त्रोत पर इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स औऱ इनहेरिटेंस टैक्स के जरिए लगता है।
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16. वहीं, इनडायरेक्ट टैक्स ( indirect taxes ) उत्पादित वस्तुओं और आयात निर्माण वाले सामानों पर उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और सेवा शुल्क के जरिए लगता है।

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