बीयू में बड़ी मात्रा में कबाड़ पड़ा हुआ है। विभागों से निकलने वाले खराब कंह्रश्वयूटर, कूलर, बेंच, टेबल, कुर्सी, प्लास्टिक, बॉटल, टायर, पेपर आदि का विश्वविद्यालय में ढ़ेर लगा है। इस कबाड़ से अब विश्वविद्यालय परिसर और पार्कों में फर्नीचर और कलाकृतियां तैयार कराई जाएंगी। यह फर्नीचर कोई और नहीं बल्कि विद्यार्थी ही तैयार करेंगे।
यूजीसी की अर्न विद लर्न स्कीम के तहत विद्यार्थियों को शोध परियोजना में कार्य, पुस्तकालय से जुड़े कार्य, कंह्रश्वयूटर सेवा, डाटा एंट्री, प्रयोगशाला सहायक आदि का कार्य शामिल हैं। इससे अलावा हुनर से जुड़े काम भी दिए जा सकते हैं।
यूजीसी के अर्न विद लर्न स्कीम के तहत छात्र पढ़ाई के साथ-साथ कमाई भी कर सकें। इसके लिए प्लान तैयार किए जा रहा है। विवि में पड़े कबाड़ से फर्नीचर और कलाकृतियां तैयार कराने का प्लान है। इसमें भी छात्र काम कर सकते हैं। इसके अलावा शोध परियोजना, कंप्यूटर, प्रयोगशाला सहायक के तौर पर भी वे काम कर सकेंगे।
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