गैस पीड़ित और उनके बच्चों के बनेंगे आयुष्मान कार्ड, पांच लाख तक का निजी अस्पतालों में भी करा सकेंगे इलाज
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग की साल 2018 में जारी की गई पात्रता सूची के अनुसार पात्रताधारी भोपाल गैस पीड़ितों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे, कलेक्टर ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं
आयुष्मान कार्ड का बेजा इस्तेमाल कर रहे निजी अस्पताल, सरकारी योजना को लगा रहे पलीता
भोपाल. गैस पीड़ित और उनके बच्चों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। इससे अब वे गैस राहत अस्पतालों के अलावा अन्य अस्पतालों में भी पांच लाख तक का मुफ्त इलाज करा सकेंगे। कलक्टर अविनाश लवानिया ने कहा कि राज्य शासन के निर्णयानुसार लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग की साल 2018 में जारी की गई पात्रता सूची के अनुसार पात्रताधारी गैस पीड़ितों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। साथ ही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का पूरा लाभ उनके वास्तविक रूप से पात्र हितग्राही तक समय-सीमा में पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान 17 सितंबर से 31 अक्टूबर तक चलाया जा रहा है। शहर में साल 1984 में 56 वार्ड में से 36 वार्ड गैस पीड़ित घोषित किए गए थे। गैस पीड़ितों के लिए संचालित गैस चिकित्सालयों में 24 अगस्त तक कुल 9 हजार 980 आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। आयुष्मान कार्ड बनने से अब गैस पीडि़त गैस राहत अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहेंगे। क्योंकि गैस राहत अस्पतालों में न पर्याप्त डॉक्टर हैं और न सभी सुविधाएं मिल पा रही हैं। अब आयुष्मान कार्ड बनने के बाद गैस पीडि़त अन्य चिन्हित सरकारी और निजी अस्पताल में पांच लाख तक का नि:शुल्क इलाज करा सकेंगे। इससे उन्हें बडी राहत मिलेगी। गैस पीडित संगठनों की ओर से भी इसके लिए लगातार मांग की जा रही थी। इससे एक लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। गौरतलब है कि 2-3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात भोपाल िस्थत यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से मिथायल आइसोसायनेट गैस का रिसाव हुआ था। उस समय हजारों लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोगों में विकृतियां पैदा हो गई थी। अधिकांश लोगों को श्वांस, किडनी आदि संबंधी बीमारियां हो गई। हजारों लोगों का अभी भी इलाज चल रहा है।
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