मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं और दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं। दिल्ली जाने से पहले उन्होंने ट्वीट कर ईश्वर से उन्हें दीर्घायु प्रदान करने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि वे अटलजी के स्वास्थ्य में हो रही लगातार गिरावट से बेहद चिंतित हैं। शिवराज सिंह ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि अटलजी ही ऐसे नेता थे जिन्होंने 23 दिलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। वे हमारे प्रेरणास्रोत हैं। उनके स्वास्थ्य में सुधार हो। मैं उनसे मिलना चाहता हूं। चौहान ने अपने विदिशा लोकसभा चुनाव के संस्मरण सुनाते हुे कहा कि अटलजी मुझे विदिशा पति कहते थे।
इधर, मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में भगवान से प्रार्थना की जा रही है। पूरे प्रदेशभर में दुआओं का सिलसिला चल रहा है। भोपाल के सेकंड नंबर स्टाप स्थित शिव मंदिर में रुद्राभिशेक किया जा रहा है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे
इधर, एम्स में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अस्पताल जानने पहुंच गए हैं। इसके अलावा कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी भी अस्पताल पहुंच गए हैं। इनके अलावा अटलजी के सभी रिश्तेदार भी पहुंच गए हैं।
मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट
इधर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर अटलजी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि परम आदरणीय हम सभी के श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। उनके स्वास्थ्य में गिरावट की खबर से मन विचलित है। हम सभी उनके दीर्घायु होने की कामना करते हैं।
अटलजी ने अपनी सीट छोड़कर शिवराज को बता दिया था उत्तराधिकारी
मध्यप्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गहरा नाता रहा है। उन्होंने विदिशा सीट से चुनाव जीता था साथ ही लखनऊ से भी चुनाव लड़ा था। वे विदिशा से भारी मतों से चुनाव जीत गए थे। हालांकि प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्हें एक सीट छोड़ा पड़ी थी। तो उन्होंने विदिशा लोकसभा सीट को छोड़ दिया था और शिवराज सिंह चौहान को बागडोर सौंप दी थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान लोकसभा में पहुंचे थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने विदिशा से मई 1991 में लोकसभा का चुनाव लड़ा उस समय उनके निकटतम प्रतिद्वंदी के रूप में कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप भानु शर्मा थे, जो 2 बार लोकसभा का चुनाव विदिशा से जीत चुके थे। विजय होने के बाद करीब 6 माह बाद विदिशा आए और जैन कॉलेज परिसर में आयोजित सभा में उन्होंने विदिशा की जनता का आभार व्यक्त करते हुए लखनऊ से भी बड़ी जीत मिलने के कारण यहां से इस्तीफा देने का ऐलान किया और मंच पर मौजूद शिवराज सिंह चौहान को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए भाजपा का उम्मीदवार घोषित किया। यही स्थिति गंजबासौदा में हुई और नेहरू चौक पर आयोजित सभा में अटल जी ने विदिशा सीट छोड़ने का फैसला हाथ जोड़कर जनता के सामने सुनाते हुए शिवराज सिंह को विदिशा की बागडोर सौंपने का ऐलान किया था।