मुख्य कार्यपालन अधिकारी ईको-टूरिज्म बोर्ड एस.एस. राजपूत ने बताया कि देश में अपनी तरह के अनूठे वृहद एवं प्रभावी अनुभूति कार्यक्रम में पिछले तीन सालों में ईको कैम्प के माध्यम से 2 लाख 25 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को वन और वन्य-प्राणियों के प्रति संवेदनशील बनाते हुए प्रशिक्षित किया गया है। प्रदेश के वरिष्ठ, क्षेत्रीय और सेवानिवृत्त वन अधिकारियों और पर्यावरणविदों के कुशल मार्गदर्शन से कार्यक्रम के बहुत अच्छे परिणाम आये हैं। अब यह कार्यक्रम संस्थागत रूप ले चुका है।
कार्यक्रम का उद्देश्य देश के भावी नागरिकों में वन संरक्षण के संस्कार विकसित करना है। कैम्प में पक्षी दर्शन, जंगल सफारी, ट्रेकिंग, नेचर ट्रेल, प्रश्नोत्तरी आदि विभिन्न प्रतियोगिताएँ और गतिविधियाँ होंगी। इनके माध्यम से बच्चों को वन और वन्य-प्राणियों के संरक्षण तथा सृष्टि में उनकी महत्ता के प्रति जागरूक किया जाता है।