ऐसे में खून निकालकर हीमोग्लोबिन कम करना पड़ता है। यह बातें मुंबई से आए इंटेंसिविस्ट डॉ. खुस्रव भजन ने कहीं। वे हृदय व मधुमेह रोगों पर 22वें राष्ट्रीय सम्मेलन में व्याख्यान दे रहे थे। कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हुए कार्यक्रम में करीब 300 हृदय व मधुमेह विशेषज्ञ शामिल हुए।
जल्दी आगे बढ़ने की चाह में सेहत पीछे छूट गई। इससे जीवनशैली से जुड़े रोग मधुमेह, मोटापा, बीपी और हार्ट अटैक तेजी से बढ़ रहे हैं। एक अक्षर ‘एस’ के कारण भारत में लोगों को अन्य देश की तुलना 10 साल पहले हार्ट अटैक आता है। एस का अर्थ सैचुरेटेड फैट, शुगर, स्मोकिंग, स्ट्रेस और स्लीप है।
‘एस’ फैक्टर से विदेशों की तुलना में भारत में 10 साल पहले आता है हार्ट अटैक
जल्दी आगे बढऩे की चाह में सेहत पीछे छूट गई। इससे जीवनशैली से जुड़े रोग मधुमेह, मोटापा, बीपी और हार्ट अटैक तेजी से बढ़ रहे हैं। एक अक्षर ‘एस’ के कारण भारत में लोगों को अन्य देश की तुलना 10 साल पहले हार्ट अटैक आता है। एस का अर्थ सैचुरेटेड फैट, शुगर, स्मोकिंग, स्ट्रेस और स्लीप है।
सूरज की रोशनी में कम जाने से विटामिन डी कम, बन रहा बीमारियों का घर
आजकल ऑफिस-घर, गाडिय़ों में एसी हैं। लोग सूरज की रोशनी में कम आते हैं। इससे विटामिन-डी की कमी होती है। कम उम्र में ह्रदय रोग, हाइपरटेंशन, मधुमेह समेत अन्य रोगों के शिकार हो रहे हैं। 25 की उम्र पार करते ही हर ६ माह में मधुमेह, केरेटीन, थाइरायड, सीबीसी, एलएफटी, लिपिड प्रोफाइल जांच कराएं।