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गौरतलब है कि शुक्रवार दोपहर को सीईओ महेश कुमार के घर में दो नकाबपोश बदमाशो की ओर से 6.70 लाख रुपए लूट की शिकायत दर्ज कराई गई थी। घर पर सीईओ की बेटी शालू अकेली थी। उसने वारदात के बाद बताया कि दो बदमाश मेन दरवाजा खोलकर अंदर घुसे और उस पर चाकू से हमला कर घायल किया। जब उसने शोर मचाकर उनका मुकाबला किया तो उन्होंने पिस्तोल की बट मारकर उसे घायल कर दिया। जिससे वह बेहोश हो गई। बाद में बदमाश अलमारी से 6.70 लाख रुपए लेकर फरार हो गए। इस वारदात की खबर से पूरे शहर में खलबली मच गई थी। पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए बदमाशों का सुराग निकालने के लिए सीआईए की तीन टीमें बनाई थी। पुलिस ने 48 घंटों में इस डकैती की गुत्थी को सुलझा लिया।
डीएसपी नरेंद्र सांगवान ने रविवार को अपने कार्यालय में बुलाए पत्रकार सम्मेलन में उक्त लूट का पूरा खुलासा करते हुए कहा कि घर में डकैती नहीं, बल्कि सीईओ की बीस वर्षीय बेटी शालू ने ही अपने बॉयफ्रेंड को पांच लाख रुपए खुद दिए थे। वह नशे की जरूरत पूरी करने के लिए उस पर पैसे देने का दबाव बना रहा था। साथ ही परिवार के सामने फ्रेंडशिप उजागर कर बदनाम करने की धमकी भी दे रहा था। जिससे लडकी घबरा गई और उसने उक्त डकैती की कहानी अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी पहचान रेवाड़ी के मयूर विहार के युवक संस्कार के रूप में हुई है। उसने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से बीसीए की पढ़ाई की है। पढ़ाई के दौरान ही वह नशा करने लग गया था।
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डीएसपी ने कहा कि एक साल पहले 2022 में शालू की दोस्ती सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए संस्कार से हुई थी। दोनों के बीच काफी लंबी बातचीत होती थी और कई बार मिले भी थे। उन्होंने कहा कि कुछ दिन से संस्कार नशे के लिए शालू पर रुपए देने का दबाव बना रहा था। जिसके चलते 7 जुलाई को शालू ने उसने अपने घर के पास उसे बुलाया और घर के पीछे जाकर एक पॉलीथिन में 5 लाख रुपए उसे दे दिए। उन्होंने कहा कि सीईओ महेश कुमार व उसकी अध्यापिका प%ी घर पर नहीं थे और बेटा स्कूल गया हुआ था। उन्होंने कहा कि वारदात को सच साबित करने के लिए शालू ने सिर व हाथ पर लगी चोट दिखाई। जबकि उसने अपने हाथ पर खुद ब्लेड से वार किया था और सिर दीवार में मारकर चोट पहुंचाई थी। उन्होंने कहा कि संस्कार की धमकी और डर के कारण शालू ने रुपए दे दिए और झूठी कहानी पुलिस को बता दी। उन्होंने कहा कि मॉडल टाउन थाना पुलिस ने उस वक्त डकैती सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था, जिसे अब धारा 384 में बदल दिया गया है। क्योंकि आरोपी ने लड़की पर जबरन दबाव बनाकर पैसे वसूले थे।