Bhilwara Textile : भीलवाड़ा में 30 से अधिक इकाइयों में जल्द शुरू होगा काम
नए उद्योगों में 6500 करोड़ का निवेश लेने का मूर्त रूपतीन को जमीन मिलेगी
Bhilwara Textile : भीलवाड़ा में 30 से अधिक इकाइयों में जल्द शुरू होगा काम
जयप्रकाश सिंह
Bhilwara Textile : भीलवाड़ा. पिछले दिनों भीलवाड़ा में हुए इन्वेस्टमेन्ट समिट में हुए 6500 करोड़ के एमओयू व एलआईओ अब धीरे धीरे मूर्त रूप लेने लगा है। इस समिट में करार के तहत 30 से अधिक औद्योगिक इकाइयां जल्द ही धरातल पर आने वाली है। तीन इकाइयों को जमीन आंवटन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जबकि अधिकांश के पास खुद की जमीन है। कुछ का शिलान्यास जल्द होने वाला है। कुछ उद्योगों के विस्तार के बाद नई इकाई में उत्पादन होने की स्थिति में है। इन उद्योगों से करीब 25 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
संगम समूह का बड़ा निवेश
समिट में हुए करार के बाद संगम समूह स्पिनिंग, विविंग, रेडिमेड और टेक्नीकल टेक्सटाइल क्षेत्र में करीब १५२१ करोड़ का निवेश कर रहा है। अपने प्लांट लगाने के लिए समूह ने सरेरी धुवालियां में करीब २६ हजार २६५ वर्ग मीटर जमीन मांगी है। राज्य सरकार ने इसके लिए स्वीकृति दे दी है। जल्दी ही समूह को यह जमीन आवंटित हो जाएगी।
कपड़ा उत्पादन से जुड़े सुदिवा ग्रुप को भी धुवालियां में ही करीब ३० हजार ५६६ वर्ग मीटर जमीन का आवंटन हो चुका है। सुदिवा ग्रुप यहां २५२ करोड़ का नया निवेश कर रही है।
डेनिम के धागे का उत्पादन होगा
साइनाथ कॉटन प्राइवेट लिमिटेड ने सहाड़ा तहसील के लखमणियास में २६ हजार ३४० वर्गमीटर जमीन आवंटन के लिए सरकार से आवेदन किया है। जिला प्रशासन के स्तर पर उनकी फाइल अन्तिम चरण में है। यहां २५ करोड़ की लागत से २४०० रोटर मशीन के माध्यम से ऑपन स्पिनिंग प्लांट लगाया जा रहा है। इससे डेनिम के लिए धागे का उत्पादन होगा।
तीन लाख नए स्पिण्डल लगेंगे
भीलवाड़ा स्पिनिंग के क्षेत्र में तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है। यहां के कई उद्योग स्पिनिंग क्षेत्र में ३ लाख नए स्पिण्डल का विस्तार करने जा रहा है। नए उद्योगों के लगने के बाद यहां धागा उत्पादन की क्षमता ४ लाख टन प्रति वर्ष से बढ़कर पांच लाख टन हो जाएगी। स्पिनिंग उद्योग का सालाना टर्न ओवर १० हजार करोड़ से बढ़कर १३ हजार करोड़ हो जाएगा। टेक्सटाइल क्षेत्र का कुल टर्न ओवर बढ़कर ५० हजार करोड़ तक होने की उम्मीद है।
निर्यात भी बढ़ेगा
भीलवाड़ा से कपड़ा और धागा ६५ देशों को निर्यात किया जा रहा है। अभी यह निर्यात ५५ सौ करोड़ रुपए है। नए उद्योग लगने के बाद यह बढ़कर ७५ सौ करोड़ रुपए हो जाएगा।
मेगा टेक्सटाइल पार्क की दावेदारी
केन्द्र सरकार ने कपड़ा उद्योग के विकास के लिए मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल मित्रा योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य देश के कपड़ा उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने, बड़े निवेश को बढ़ावा, रोजगार के बड़े अवसर और कपड़ा व इसके उत्पादों का निर्यात बढ़ाना है। योजना के तहत देश में 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाए जाने है। इनमें से एक राजस्थान में भी प्रस्तावित है। इस पार्क के लिए भीलवाड़ा प्रबल दावेदार है।
उत्तर भारत का सबसे बड़ा केन्द्र
भीलवाड़ा स्पिनिंग के क्षेत्र में उत्तर भारत का सबसे बड़ा केन्द्र है। राजस्थान में कुल ३२ मिल है। इसमें से १८ केवल भीलवाड़ा में संचालित है। राजस्थान में जहां २२ लाख ७१ हजार ५६४ स्पिण्डल तथा ३३ हजार ६७२ रोटर है, केवल भीलवाड़ा में १२ लाख ३० हजार ७३६ स्पिण्डल तथा २३ हजार ४४८ रोटर कार्यरत है। यह राजस्थान का ५४ प्रतिशत है।
अत्याधुनिक मशीनें
वस्त्रनगरी के उद्योगों में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी की मशीनें है। यहां कोण बनने के बाद भी बिना हाथ लगाए ऑटोमेटिक मशीनों के माध्यम से यार्न की पैकिंग होती है। जिनका विदेशों में निर्यात होता है।
” एमओयू करने वाले तीन बड़े उद्योगों को जमीन आवंटन व भू रूपान्तरण का काम अन्तिम चरण में चल रहा है। इसके अलावा ३० से अधिक इकाइयों में इस साल शिलान्यास और उत्पादन शुरू होने की पूरी उम्मीद है। सभी से हर पखवाड़े प्रगति रिपोर्ट ले रहे है। उद्यमियों को सभी सुविधा भी उपलब्ध करवा रहे हैं।
राहुलदेव सिंह, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र
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