READ: स्वाइन फ्लू से प्रसूता की मौत, नवजात भी गंभीर जय भीम शिक्षण संस्थान की ओर से धुंवाला ग्राम पंचायत के पास मोहन ईंट भट्टे पर श्रमिकों को बंधुआ मजदूर बनाने की शिकायत मिली थी। जिस पर शुक्रवार को उपखण्ड अधिकारी सीएल शर्मा, तहसीलदार अजित सिंह, थाना प्रभारी दिनेश कुमावत, श्रम उपायुक्त संकेत मोदी, श्रम निरीक्षक मधुबाला जाट, गिरदावर व पटवारी आदि मौके पर पहुंचे। ईंट भट्टे पर 75 श्रमिक काम करते मिले। इनमें से 40 श्रमिक उत्तरप्रदेश के चित्रकूट जिले व 8 श्रमिक बान्द्रा जिले के थे। वहीं शेष श्रमिक
अजमेर जिले के मसूदा के थे।
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फूड पाइजनिंग से मौत का मामला: हलवा खाने से अचेत चल रही महिला ने भी दम तोड़ा, मृतक संख्या पहुंची छह अधिकारियों ने श्रमिकों के बयान दर्ज कर उनको मिलने वाले मानदेय के बारे में जानकारी मांगी तो श्रमिकों ने बताया कि एक हजार ईंट पर पांच सौ रुपए मानदेय दिया जाता है। श्रमिकों की हिसाब डायरी का मिलान भी किया गया। इस दौरान 7 परिवारों के 24 बच्चों सहित श्रमिकों ने प्रशासन से अपने गांव जाने की ईच्छा जाहिर की जिस पर प्रशासन ने तत्काल श्रमिकों को भुगतान दिला कर उनको अपने गांव रवाना किया गया।
आपस में झगड़े का मामला निकला
प्रशासन ने मौके पर पाया कि सभी श्रमिक एक-दूसरे से रिश्तों में जुड़े हुए हैं। बिती रात किसी बात को लेकर श्रमिको में आपस में झगड़ा हो गया था। जिस कारण श्रमिक भय में आ गए। जब श्रमिकों के भुगतान के बारे में ईंट भट्टा संचालकों से बात की तो सामने आया कि अधिकतर श्रमिकों ने पहले से भुगतान ले रखा था।
बंधक नहीं मिले श्रमिक
श्रमिकों के बयान दर्ज किए हैं। मौके पर कोई भी श्रमिक बंधक नहीं मिला है। जिन श्रमिकों ने अपने गांव जाने की ईच्छा जाहिर की उनका हिसाब करा गांव भेज दिया गया।
-सीएल शर्मा, उपखण्ड अधिकारी, माण्डल