script66 साल में जिले को मिली महज तीन महिला विधायक, प्रमुख दल नहीं देते महिलाओं को पूरा मौका | Mandalgarh Assembly sub election in bhilwara | Patrika News
भीलवाड़ा

66 साल में जिले को मिली महज तीन महिला विधायक, प्रमुख दल नहीं देते महिलाओं को पूरा मौका

माण्डलगढ़ क्षेत्र के उपचुनाव में किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने महिला प्रत्याशी को मौका नहीं दिया

भीलवाड़ाJan 24, 2018 / 12:47 pm

tej narayan

Bhilwara, bhilwara news, Mandalgarh Assembly sub election in bhilwara, Latest news in bhilwara, Bhilwara News in hindi, Hindi News in bhilwara, Latest hindi news in bhilwara

माण्डलगढ़ क्षेत्र के उपचुनाव में किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने महिला प्रत्याशी को मौका नहीं दिया

भीलवाड़ा।

महिला विधायक कीर्ति कुमारी के निधन के कारण जिले के माण्डलगढ़ क्षेत्र के उपचुनाव में किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने महिला प्रत्याशी को मौका नहीं दिया। इससे राजनीति में महिला कार्यकर्ताओ की भूमिका फिर चर्चा में है। जिले में 1952 के प्रथम चुनाव के बाद 66 साल में केवल तीन महिला विधायक मिली है। मतदाताओं में करीब पचास प्रतिशत हिस्सा महिलाओं का होने के बावजूद राजनीतिक दलों ने महिलाओं को मौके ही नाममात्र के दिए।
READ: जान से गया मरीज, फिर भी परिजन ही खींच रहे स्ट्रेचर

जिले में सबसे पहले 1957 में भीलवाड़ा क्षेत्र से कांग्रेस की कमला देवी एवं इसी क्षेत्र से 1962 में निर्मलादेवी विधायक निर्वाचित हुई। इसके बाद भीलवाड़ा क्षेत्र से अब तक कांग्रेस या भाजपा ने किसी महिला को प्रत्याशी नहीं बनाया। जिले की तीसरी महिला विधायक पिछले चुनाव वर्ष-2013 में माण्डलगढ़ से भाजपा की कीर्ति कुमारी निर्वाचित हुई थी। कीर्ति कुमारी का पिछले वर्ष 28 अगस्त को स्वाइन फ्लू के कारण निधन गया।
READ: फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन के विरोध में बाजार बंद, फिर टावर पर चढे दो युवक

क्यों नहीं मिलता मौका
भाजपा व कांग्रेस जैसे प्रमुख दलों के जिला व ब्लॉक संगठनों में पुरुषों का वर्चस्व है। महिला कार्यकर्ताओं की चुनाव के समय दावेदारी भी प्रमुखता से नहीं उभर पाती है। दलों में संगठन स्तर पर महिला आरक्षण का प्रावधान नहीं होने से वे आबादी के अनुपात में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने से बचते आए है।
आरक्षण से ही अवसर
जिले में परिषद सभापति, जिला प्रमुख, पालिका अध्यक्ष, प्रधान जैसे पदों पर महिलाएं रही तो कारण ये पद महिलाओं के लिए आरक्षित होना है। अभी ललिता समदानी भीलवाड़ा की सभापति हैं। 1995 में मधु जाजू प्रथम महिला सभापति थी। ओबीसी की कमला धाकड़, एससी की सुशीला सालवी जिला प्रमुख रही।
यहां एक बार भी नहीं
जिले के माण्डल, आसीन्द, सहाड़ा, शाहपुरा व जहाजपुर एेसे क्षेत्र हैं, जहां से एक बार भी महिला विधायक नहीं चुनी गई। इन क्षेत्रों में प्रमुख दलों ने अपनी महिला कार्यकर्ता को मौका ही नहीं दिया।
खुद को किया साबित
राजनीति में महिलाएं सक्रिय हैं। हालांकि आबादी के हिसाब में मौके कम मिलते हैं। वैसे देश के कई सर्वोच्च पदों पर महिलाएं रह चुक है। मौका मिलने पर महिलाओं ने काबिलियत साबित की है।
ललिता समदानी, सभापति, नगर परिषद भीलवाड़ा
योग्यता में कम नहीं
महिलाएं योग्यता में किसी से कम नहीं है। महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई और कार्यकुशलता दर्शाई है। चुनाव में राजनीतिक दलों को महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व देना ही चाहिए।
मधु जाजू, पूर्व सभापति नगर परिषद भीलवाड़ा और कांग्रेस नेता

Hindi News / Bhilwara / 66 साल में जिले को मिली महज तीन महिला विधायक, प्रमुख दल नहीं देते महिलाओं को पूरा मौका

ट्रेंडिंग वीडियो