इसके लिए समाज की अदालत में इन मामलों का रखकर निष्पक्ष निपटारा किया जाएगा। इसके लिए मई महीने में पांच दिवसीय समाज की अदालत लगाकर, दोनो पक्षों की सुनवाई की जाएगी। समझाइस से घरेलू विवादों का समाज की जाजम पर ही समाधान किया जाएगा। जिससे पीड़ितों को कोर्ट कचहरी जाने से निजात मिलेगी। अनाथ व निर्धन बच्चो को उच्च शिक्षा के लिए समाज के फंड से लोन प्रदान किया जाएगा।
प्रवक्ता गौरव सुवालका ने बताया कि समाज अध्यक्ष लोकेश कुमार सुवालका राशमी व सभाध्यक्ष सुमंत सुवालका के सानिध्य में आयोजित सभा में पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभाव से समाज में पनप रही संस्कार विहीन प्रीवेडिंग व बेबी शावर कुप्रथा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया। मांगलिक कार्यों में पेरावणी व उपहार के बदले, लिफाफा देने की परंपरा शुरू करने का भी निर्णय किया। इन प्रस्तावों की पालना करवाने के लिए 21 सदस्यो की निगरानी कमेटी बनाई गई। सभा में मेवाड़ क्षेत्र के वरिष्ठजन उपस्थित थे। सभी ने कुरीतियों को मिटाने का संकल्प लिया। समाज विकास के विभिन्न मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किए।