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भीलवाड़ा

Campaign:  चुपचाप सहन करने की आदत बदलो

आओ करो बेटियों को जागरूक
 

भीलवाड़ाSep 27, 2017 / 11:51 am

Suresh Jain

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आओ करो बेटियों को जागरूक

भीलवाड़ा।

सोशल मीडिया के माध्यम से युवतियों व बालिकाओं का शोषण हो रहा है। इसके लिए कोई और नहीं हम सब जिम्मेदार है। इसके लिए किसी भी युवती को चुपचाप सहन करने की जरूरत नहीं है। अपनी आदत को बदलना होगा। किसी भी युवती के साथ शोषण या कोई गलत बात हो रही है तो उसे अपने टीचर, माता-पिता, सहेली से साझा कर सकते है ताकि युवती के साथ हो रहे श्जिनके बारे कहा कि वे में उन्हें ध्यान भी नहीं था। शोषण से मुक्ति मिलने के साथ ही आरोपित को सजा मिल सके। इसके लिए पुलिस की मदद भी ले सकते हैं ।
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यह विचार मंगलवार को राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में राजस्थान पत्रिका की ओर से आयोजित आओ करो बेटियों को जागरूक अभियान में उभर कर सामने आए। इस दौरान सैकड़ों बालिकाओं को उनके अधिकारों व कानून की जानकारी दी गई। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सुमन त्रिवेदी ने छात्राओं की सुरक्षा के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि आज जीने का अधिकार, विकास का अधिकार, संरक्षण का अधिकार तथा सहभागिता का अधिकार सबको है। इसके लिए सरकार ने नीतियां भी बना रखी है, लेकिन उनकी जानकारी नहीं है।
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ज्ञान व शिक्षा ग्रहण करने के आज कई साधन है। इन्टरनेट के इस युग में हर कानून की जानकारी मिल जाती है। लेकिन उसका दुरुपयोग भी बढ़ गया है। त्रिवेदी ने किशोर न्याय अधिनियम, स्कूलों में बनी चाइल्ड लाइफ कमेटी, बाल संरक्षण कमेटी, गरिमा हेल्प लाइन, सखी सेन्टर, पोक्सो लैंं‍गिक सहित अन्य की जानकारी भी दी। उन्होंने भारतीय संस्कृति का उल्लेख करते हुए कहा कि आज हर कोई छोटे कपड़े पहनना पसंद करते है। इससे भी अपराध बढ़ रहे हैं। इसके लिए युवतियां दोषी नहीं है, लेकिन हमारी मानसिकता व सौच बदल गई है। गुड टच व बेड टच को समझकर उसका विरोध करना भी आना चाहिए। कोई पीछा कर रहा है या घूरता है। अश्लील चित्र दिखाता है तो उसे सजा हो सकती है। सोशल मीडिया पर अपनी फोटो न लगाए और ना ही किसी को फोटो शेयर करें। राम रहीम को सजा दिलाने के पीछे एक बालिका का ही हाथ है। उसे यह जानकारी थी की वह किसी अपनी बात बताए जिससे राम रहीम को सजा हो सके। बालिका ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। बाल विवाह को शून्य किया जा सकता है।
एडवोकेट प्रीति शर्मा ने कहा कि सभी को आत्म निर्भर बनना होगा। किसी घटना को सहन नहीं करें। स्प्रे पेपर या मिर्ची पेपर कई ऐसे साधन आ गए है, जिनका उपयोग कर सकते हैं। विधिक जानकारी भी ले सकते हैं। फेसबुक पर कोई कमेन्टस कर रहा तो उसकी जानकारी अपने परिजनों को देवे। शर्मा ने कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रधानाचार्य सरोज शर्मा ने बताया कि ऐसा कोई काम न करें जिसके अपने परिजन या अपने गुरु को नाचे देखना पड़े। कहीं भी कोई गलत हो रहा है तो सजग रहकर उसका विरोध करें। आज टीवी कई युवतियां देखती है, लेकिन उससे अच्छी बातों को ग्रहण करें उसे अपने जीवन में भी उतारें। कार्यक्रम का संचालन उप प्रधानाचार्य नीलम तिवारी ने करते हुए छात्राओं से सजग व सतर्क रह कर अध्ययन करने की बात कहीं। किसी भी तरह के अत्याचार को सहन न करें।

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