scriptबिपर जॉय बांध गया बैलों के गले में घंटी | Bipper Joy tied a bell around the neck of the bullocks | Patrika News
भीलवाड़ा

बिपर जॉय बांध गया बैलों के गले में घंटी

बिपर जॉय तूफान के असर से भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ जिले में भी मेघ बरसे, लेकिन यहां अच्छा यह रहा की दोनों जिलों में बारिश ने कहर नहीं ढाया, इसके विपरीत बिपर जॉय के असर से जो मानसून पूर्व बारिश हुई, उससे किसानों के ही चेहरे खिल उठे। खेतों में बुधवार से अब बैल हंकाई करते नजर आ रहे है। इनके गले में बंधी घंटियां भी मधुर स्वर लहरी छेडे है। bipar joy baandh gaya bailon ke gale mein ghantee

भीलवाड़ाJun 22, 2023 / 05:28 pm

Narendra Kumar Verma

बिपर जॉय बांध गया बैलों के गले में घंटी

बिपर जॉय बांध गया बैलों के गले में घंटी

एकाएक विनाशकारी तूफान बिपर जॉय की देश में आहट से समुद्र तटीय क्षेत्र के राज्य व जिले अनहोनी की आशंका से कांप उठा। राजस्थान में तूफान ने बाड़मेर, पाली व सिरोही जिले के कई हिस्सों में कहर भी बरपाया। अजमेर जिले में भी तूफान के असर से बरसे मेघ ने रौद्र रूप दिखाया।
भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ जिले में भी मेघ बरसे, लेकिन यहां अच्छा यह रहा की दोनों जिलों में बारिश ने कहर नहीं ढाया, इसके विपरीत तूफान के असर से जो मानसून पूर्व बारिश हुई, उससे किसानों के ही चेहरे खिल उठे। खेतों में बुधवार से अब बैल हंकाई करते नजर आ रहे है। इनके गले में बंधी घंटियां भी मधुर स्वर लहरी छेडे है।

भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ जिले में बिपर जॉय से नुकसान की आशंका थी लेकिन वह किसानों के लिए अच्छी फसल की उम्मीद छोड़ गया। 17 जून से शुरू हुई बारिश का दौर रिमझिम व तीन दिन तक रूक-रूक कर होने से किसानों के लिए तो मानों इन्द्र देव प्रसन्न हो उठे।
बिपर जॉय तूफान से किसानों के साथ-साथ आमजन भी पहले चिंतित था्, लेकिन बिपर जॉय क्षेत्र के किसानों के लिए उम्मीद लेकर आया। तूफान का क्षेत्र में असर कम देखा गया। हालांकि असर के कारण क्षेत्र में हुई बारिश से किसानों ने खेतों में बीज बोने का कार्य शुरू कर दिया।
सोमवार शाम व रात को क्षेत्र में रूक-रूक कर बारिश हुई लेकिन यह बारिश खेतों में बुवाई के लिए पर्याप्त नहीं थी। मंगलवार तड़के फिर तीन से 4 घंटे तक हुई बारिश से किसानों को खेतों में बीज बोने की उम्मीद बंध गई।
मंगलवार को तिथि के अनुसार आषाढ़ की बीज होने के कारण किसानों ने खेतों में बुवाई नहीं की। बुधवार को खेतों में सुबह से ही मूंगफली, सोयाबीन, मक्का आदि की बुवाई के लिए ट्रैक्टर चल पड़े। मंगलवार व बुधवार को बस्सी कस्बे एवं आसपास क्षेत्र में खाद बीज की दुकानों पर भी खरीददारी के लिए किसानों की भीड़ देखी गई।
भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ जिले के किसानों का मानना है कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष करीब 10 दिन पूर्व बुवाई का कार्य हो रहा है। इससे फसल जल्दी पकने में फायदा होगा। साथ ही खेतों में बीज बोने के बाद केरल से उठे मानसून की होने वाली वर्षा से भी फायदा मिलेगा। मानसून की बारिश यदि समय पर हो जाती है तो खेतों में बोने वाले बीज के खराबे की संभावना भी कम रहेगी।
चित्तौड़गढ़ जिले में बस्सी, गंगरार, कपासन, सोनियाणा, निम्बाहेड़ा, बेगूं क्षेत्र में बिपर जॉय तूफान के कारण मौसम का मिजाज बदला और क्षेत्र में किसान खाद बीज का इंतजाम में लग गए। इसके कारण बीज व खाद की दुकानों पर अप्रत्याशित रूप से भीड़ भी बढ़ गई। किसान अपने बैलों को लेकर खेतों की हंकाई में जुट गए। वही कईयों ने ट्रैक्टर की मदद ली। किसान कपास, मक्का, सोयाबीन व मूंगफली की बुवाई में जुटा हुआ है।

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