इस साल सरकार ने रिटर्न फॉर्म में आईटीसी क्लेम करने से जुड़ी बहुत बड़ी परेशानी हल की है। पिछले साल तक ऐसा होता था कि व्यापारी इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2 बी के अनुसार लेता था, लेकिन वार्षिक रिटर्न में इनपुट टैक्स क्रेडिट का डेटा जीएसटीआर 2 ए के हिसाब से ऑटोपॉप्युलेट होता था यानी ऑनलाइन सिस्टम में अपलोड हो जाता था। इससे बहुत दिक्कत होती थी, क्योंकि 2 ए और 2बी के डेटा में फर्क होता है। इसकी वजह ये है कि 2 बी का आईटीसी का डाटा बदल नहीं सकता है जबकि 2 ए लगातार अपडेट होता रहता है। इस से व्यापारी 2 ए से आईटीसी की जानकारी लेते थे तो रिटर्न में मिसमैच हो जाते थे।
रिटर्न के फॉर्मेट में कोई भी बदलाव नहीं कोई डीलर जीएसटीआर-9 नहीं भर पाता है तो प्रतिदिन 100 रुपए का जुर्माना देना होगा। केंद्र के जीएसटी और राज्य के जीएसटी दोनों के लिए अलग-अलग 100 रुपए प्रतिदिन पेनल्टी होती है यानी कि 200 रुपए प्रतिदिन। ये राशि सालाना टर्नओवर के 0.5 प्रतिशत से अधिक हो तो 0.5 प्रतिशत राशि ही पेनल्टी के रूप में देनी होगी ।
जीएसटी एक्सपर्ट ने बताया कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस साल भरे जाने वाले रिटर्न में जो इनपुट टैक्स क्रेडिट दिखेगा, वह करदाता की ओर से हर महीने क्लेम की हुई जीएसटीआर 2बी से ही उठाया जाएगा। इससे किसी तरह की अनियमितता नहीं होगी। साथ ही जीएसटीआर 9 में रिटर्न भरने के अलावा जीएसटीआर 9 सी में ऑडिट रिपोर्ट खतों की जांच करके भी जमा करनी होगी।