प्रदेश में सवा तीन लाख साइकिलें वितरित की जाएंगी। भीलवाड़ा में सिंधुनगर विद्यालय में साइकिलें तैयार की जा रही है। हालांकि वर्ष 2022-23 में काले रंग की साइकिल बांटी थी। तब की 80 से अधिक साइकिल आज भी स्कूल में रखी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने संबंधित फर्म को कार्यादेश जारी कर साइकिलों की आपूर्ति के लिए आदेश दिया।
बालिकाओं को 20 इंच वाली लेडीज साइकिलें वितरित की जाएगी। विभाग एक साइकिल की कीमत 3933 रुपए अदा करेगा। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक (मुयालय) की ओर से उपलब्ध करवाई नोडलवार कक्षा 9 में साइकिल के लिए पात्र छात्राओं की सूची के आधार पर लुधियाना पंजाब की फर्म को 3 लाख, 25 हजार 200 साइकिलों की आपूर्ति के आदेश दिए गए हैं। साइकिलों की आपूर्ति जिले के नोडल केंद्रवार की जाएगी।
उपलब्ध कराना होगा खुला स्थान विभागीय निर्देशानुसार फर्म को साइकिलों को असेबल करने के लिए नोडल केंद्र के विद्यालयों में खुला स्थान उपलब्ध करवाना होगा। जहां से नोडल क्षेत्र के विद्यालयों के संस्था प्रधान अपने परिवहन खर्चे पर साइकिलें लेकर जा सकेंगे। माध्यमिक शिक्षा के जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से मुयालय स्तर पर कम से कम तीन निरीक्षण कमेटियों का गठन करना होगा, जो साइकिल असेबल के बाद निरीक्षण करेंगी। कमेटी में जिले के राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, राजकीय आईटीआई यांत्रिक शाखा का अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लेखाधिकारी, सहायक लेखा अधिकारी, ग्रेड प्रथम एवं द्वितीय कनिष्ठ लेखाकार एवं संबंधित नोडल केंद्र प्रभारी सदस्य के रूप में नियुक्त होंगे। निरीक्षण कमेटी को निविदा की शर्तों के अनुसार असेबल साइकिलों में निर्धारित मानकों के अनुसार 100 प्रतिशत भौतिक सत्यापन करना होगा। एडीपीसी योगेश पारीक ने बताया कि जिले में कक्षा 9 में अध्यनरत बालिकाओं को यह साइकिलें मिलेगी। पुरानी पड़ी साइकिलों का भी इनके साथ वितरण किया जाएगा
गत वर्ष की शेष साइकिलों का होगा वितरण मुख्यालय से गत वर्ष शेष साइकिलों का वितरण भी नवीन साइकिलों के साथ ही करने के निर्देश दिए गए हैं। वर्ष 2022-23 की शेष रही साइकिलों को सही सलामत चालू स्थिति में पात्र बालिकाओं को वितरित करना होगा। इसके साथ नोडल केंद्रो से विद्यालय तक साइकिल पहुंचाने व पात्र छात्रा को साइकिल वितरण तक की समस्त परिवहन व्यवस्था संस्था प्रधान को करनी होगी। इसके लिए स्कूलों को अलग से कोई बजट नहीं दिया जाएगा। संस्था प्रधान शाला के छात्रा निधि कोष से व्यय कर सकेंगे।