नए पुल बनेंगे, नहीं होगा अधिग्रहण
डबललाइन का काम पूर्व दिशा की तरफ यानी जिला कलक्ट्रेट की दिशा में होगा। माना जा रहा कि इसके लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं करना पड़ेगा। रेलवे के पास पहले से इतनी जगह है कि किसी भवन या संस्थान को नहीं हटाना पड़ेगा। कुछ जगहों पर जरूर नए पुल बनाए जा सकते हैं।
क्रॉसिंग में बचेगा समय
दो साल में कार्य पूरा करना प्रस्तावित है। इसके बाद ट्रेनों के क्रॉसिंग में समय बचेगा। यात्री गंतव्य स्थल पर जल्द पहुंचेगा। इससे पहले जयपुर से अजमेर और चित्तौड़गढ़ से रतलाम तक डबल लाइन है। इसी प्रकार इलेक्टि्रक लाइनों पर इंजनों की गति और बढ़ जाएगी। स्टेशनों का होगा कायापलट
दोहरीकरण के साथ गुलाबपुरा, रूपाहेली, भोजरास, सरेरी, रायला, लाम्बिया, धुंवाला, मांडल,
भीलवाड़ा, मंडपिया व हमीरगढ स्टेशनों का नवीनीकरण होगा। यहां फुटओवर ब्रिज, स्टेशन भवनों का नवनिर्माण, हाई लेवल प्लेटफार्म, प्लेटफार्म शेल्टर का भी निर्माण होगा। भीलवाड़ा स्टेशन का विकास कार्य अमृत भारत योजना तहत चल रहा है। इस पर 17.50 करोड़ रुपए व्यय होंगे।
सात साल से कार्य जारी
प्रोजेक्ट का सर्वे करीब 7 साल पहले शुरू हो गया था। एक बार डीपीआर बनने के बाद तत्काल जून 2021 में संशोधित डीपीआर भी रेलवे बोर्ड को भेजी गई थी। इसमें दोहरीकरण प्रोजेक्ट की लागत 1680 करोड़ रुपए आंकी गई थी। पिछले बजट में भी दोहरीकरण के लिए सर्वेक्षण का ही प्रावधान किया था। इसके बाद केबिनेट ने
अजमेर-चंदेरिया रेल लाइन के दोहरीकरण प्रोजेक्ट को मंजूर किया। हालांकि ढाई साल में अनुमानित लागत करीब 150 करोड़ रुपए बढ़ गई। यह प्रोजेक्ट 181 किलोमीटर लंबा है। इसकी अनुमानित लागत करीब 1860 करोड़ रुपए हैं। यह कार्य दो साल में पूरा होने की संभावना है।