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भीलवाड़ा

Bhilwara news : रोक बेअसर :हवा की सेहत बिगड़ी, आबोहवा बिगड़ी व शोर-शराबा दोगुना

दीपावली की रात प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने की जांच

भीलवाड़ाNov 03, 2024 / 10:32 am

Suresh Jain

Ban ineffective: Air quality deteriorated, climate worsened and noise doubled

Ban ineffective: Air quality deteriorated, climate worsened and noise doubled

Bhilwara news : भीलवाड़ा में दीपावली पर आतिशबाजी से हवा की सेहत बिगड़ गई है। दीपावली की सुबह एक्यूआई कम था, जो गुरुवार व शुक्रवार को खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था। दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के मुहूर्त से देर रात तक जमकर आतिशबाजी हुई। पटाखों से निकले रसायनों ने हवा को गिरफ्त में ले लिया। कई आवासीय क्षेत्र में आतिशबाजी के बाद आमजन को सांस लेने में दिक्कत महसूस हुई।
पटाखों पर रोक के बाबजूद आमजन बाजार से पटाखे खरीद लाए और जमकर आतिशबाजी की। चोरी छिपे पटाखे बिकने से आमजन तक इनकी पहुंच खूब रही। धमाके इतने तेज थे कि मानक से दो गुना शोर बढ़ा। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल की रिपोर्ट में गत साल के मुकाबले इस बार ध्वनि व वायु प्रदूषण दोनों में इजाफा हुआ। ध्वनि प्रदूषण सामान्य से लगभग दो गुना रहा। साइलेंस जोन चिकित्सालय क्षेत्र में आतिशबाजी पर पाबंदी के बावजूद पटाखे चले। मरीज परेशान रहे। रात 9 से 12 बजे के बीच अधिकतम ध्वनि प्रदूषण रहा।
कुंभा सर्कल पर चले सबसे अधिक पटाखे

सर्वाधिक पटाखे कुंभा सर्कल क्षेत्र में चले। यहां सामान्य 55 डेसीबल के मुकाबले शोर डेढ़ गुना दर्ज हुआ। इस वर्ष सर्वाधिक पटाखे शाम 7 से 8 बजे तक चलाए गए। यहां 125.6 एलईक्यूवीलेंट डीबी (ए) डेसीबल रहा है। गत वर्ष अधिकतम शोर 79.80 एलईक्यूवीलेंट डीबी (ए) डेसीबल था। रात 10 से 11 के बीच 82.7 एलईक्यूवीलेंट डीबी (ए) डेसीबल रहा। जबकि इस बार यह शोर बढ़कर औसत 85.8 एलईक्यूवीलेंट डीबी (ए) डेसीबल रहा है। जो कई ज्यादा है। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने दीपावली से पहले और उसी दिन ध्वनि प्रदूषण मापा। शाम 6 से रात 12 बजे तक ध्वनि प्रदूषण की मॉनिटरिंग की।
आवासीय में आजाद नगर सी सेक्टर मॉनिटरिंग में रात 8 से 9 बजे 108.3 एवं रात 10 से 11 बजे के बीच 107.9 एलईक्यूवीलेंट डीबी (ए) डेसीबल रहा। जबकि 24 अक्टूबर को की गई जांच में औसत 57.4 एलईक्यूवीलेंट डीबी (ए) डेसीबल साउंड पाया गया था। लेकिन 31 अक्टूबर को यह बढ़कर 78.9 पहुंच गया। जो आवासीय जोन में साउंड न्यूनतम 45 डेसीबल और अधिकतम 55 होना चाहिए। इससे कई अधिक पाया गया है।
साइलेंट जोन (हॉस्पिटल) में लेवल न्यूनतम 40 व अधिकतम 50 डेसीबल से ज्यादा नहीं होना चाहिए। जबकि केशव पोरवाल हॉस्पिटल के आस-पास के क्षेत्र में यहां सबसे अधिक 103.8 एलईक्यूवीलेंट डीबी (ए) डेसीबल रहा। इसके कारण मरीज भी परेशान रहे। 24 अक्टूबर को यहां औसत 62.4 साउंड था। वह 31 अक्टूबर को बढ़कर 74.2 हो गया। मंडल ने वायु प्रदूषण तीन जगह जांचा। नगर परिषद क्षेत्र में दीपावली से पहले 154 प्रदूषण था, जो बढ़कर 264 तक पहुंचा।

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