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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: 49 लाख की ठगी का अकाउंट होल्डर औरंगाबाद से गिरफ्तार, डिजिटल अरेस्ट कर लूटा… कुहारी निवासी सूरज सिंह और उनकी पत्नी ने पत्रिका से बताई डिजिटल अरेस्ट की आपबीती
पत्नी सीए है। गुरुवार शाम को वह घर पर ही थी। उनके मोबाइल पर एक कॉल आया, जिसने बताया कि ट्राई से कॉल किया है। पत्नी को सीधे बोला कि जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के खाते में इललीगल ट्रांजेक्शन हुआ है। जो एक्सटॉर्शन और मनी लॉन्ड्रिंग की श्रेणी में आता है। आपके नाम की मोबाइल सिम से इस तरह के 47 प्रकरण हुए हैं, जिनकी
एफआईआर मुंबई के कोलाबा में दर्ज है। आपके केनरा बैंक के खाते से 68 मिलियन का लेनदेन किया गया है। इतना सुनते ही पत्नी घबरा गई और वह रोने लगी। ठग ने कहा कि टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया से मोबाइल नंबर मिला है। उसमें आपके आधार कार्ड से कई सिम ली गई है।
इसकी जांच मुबई सीबीआई की टीम कर रही है। इस जांच में साथ देना होगा। आप निर्दोष हैं तो उस नंबर को डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा। 10 सेकंड के बाद सीबीआई के अधिकारी के नाम पर वीडियो कॉल आ गया। उसने कहा कि आपके नाम से 47 प्रकरण दर्ज हैं। आपको डिजिटल अरेस्ट किया गया है, जहां हो वहीं पर रहना होगा। कहीं इधर उधर नहीं जाना और मोबाइल को हाइजेक कर लिया है। इसके बाद तरह-तरह के भय दिखाकर उसे प्रताड़ित करने लगे। पति और पत्नी करीब 4 घंटे तक कमरे में अरेस्ट रहे।
डिजिटल अरेस्ट से ऐसे निकला दंपती
सूरज ने बताया कि यू-ट्यूब पर सर्च करने से बात कुछ समझ आई। जो बात कर रहे थे, उन्हें अच्छे से पंजाबी नहीं आती थी। वे पाकिस्तानी लहजे में था। तब उनसे कहा कि आकर हमें अरेस्ट कर लें। यादि आप लोग पुलिस स्टेशन में हैं तो अपना कैमरा घुमाएं। तब ठगों ने कैमरा नहीं घुमाया। हमने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया। इसके बाद सीसीटीएनएस प्रभारी डॉ. संकल्प राय से संपर्क किया। उनको डिजिटल अरेस्ट की पूरी कहानी बताई।
डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं
एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने लोगों को आगाह किया है कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई भी कानूनी प्रावधान नहीं है। यदि अंजान मोबाइल नंबर से ट्राई, सीबीआई, ईडी के अधिकारी बनकर, फोन, व्हाटएप से कॉल करे तो डरने की जरूरत नहीं है। किसी के झांसे में न आएं। ई-मेल, कॉल, मैसेज, भ्रामक नोटिस भेजकर झांसे में लिया जाता है। व्यक्तिगत एवं बैकिंग संबंधित जानकारी साझा न करें। ऐसी स्थिति में तुरंत अपने परिजनों और पुलिस को सूचित करें। अज्ञात नबरों व ई-मेल से कॉल, मैसेज, भ्रामक नोटिस, यूआरएल लिंक आने पर डायल 1930 पर कॉल करें। साथ ही साइबर क्राइम पोर्टल में जाकर ब्लॉक कराएं।
सीबीआई के रेड जैसा माहौल बनाया
सूरज ने बताया कि आरोपी दोनों के मोबाइल को अपने कब्जे में होना बताया। वीडियो कॉल के दौरान उन्होंने 360 डिग्री में पूरे कमरे में मोबाइल को घुमाया। आधार कार्ड मांगे और किस-किस बैंक में खाता है, इसकी जानकारी ली। इस तरह से प्रताड़ित किए कि उनके बिना अनुमति के बाथरुम तक नहीं जा पा रहे थे। उसे पूरे 4 घंटे में जब भूख लगी, खाना भी उनकी निगरानी में खाया। दोनों पूरी तरह से नर्वस हो गए थे। मेरी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था।
कामवाली के मोबाइल से बचा दंपती
सूरज ने बताया कि साइबर ठगों के मकडज़ाल में पूरी तरह से फंस गए थे। ठग पाकिस्तानी लहजे में बात कर रहे थे, थोड़ा समझ आया, लेकिन कुछ नहीं कर पा रहा था। पत्नी और मेरा मोबाइल उन्हीं के वीडियो कॉल में इंगेज था। उन्होंने डराया कि इंडियन रुल्स के हिसाब से इस मामले को किसी से शेयर नहीं करना है। यह नेशनल सीक्रेट का प्रकरण है। इस दौरान तीन से चार लोग बात कर रहे थे। तब हमने अपनी कामवाली से मोबाइल मांगा। उससे धीरे से पासवर्ड मांगे। उसके मोबाइल पर यू-ट्यूब पर चेक किया। तब पता चला कि यह साइबर ठगी का बड़ा गिरोह है।