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CG Education News: स्कूल शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा निर्णय, सरकारी स्कूलों में पहली बार जनवरी में होगा प्री-बोर्ड अब स्कूल 5वीं और 8वीं कक्षा के इन बच्चों को उसी क्लास में रोक सकेंगे। अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत पहले तक सभी बच्चे, 8वीं तक पास कर दिए जाते थे। अब फेल होने वाले ऐसे बच्चों को दोबारा से उसी कक्षा में पढ़ना होगा। स्कूल शिक्षा संचालनालय ने
आदेश में कहा है कि, जब तब बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं हो जाती, उन्हें स्कूल से निष्काषित नहीं किया जा सकेगा।
मार्च में होगी पहली परीक्षा
कक्षा 5वीं और 8वीं की केंद्रीयकृत परीक्षा मार्च में कराई जाएगी। समय-सारिणी लोक शिक्षण संचालनालय जारी करेगा। परीक्षा के प्रश्नपत्र बोर्ड एग्जाम की तरह गोपनीय तरीके से तैयार होंगे। प्रश्नपत्र तैयार करने जिला स्तर पर समिति बनेगी। जिस तरह से
बोर्ड परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्रों को स्कूल से नजदीकी थानों में रखा जाता है, ठीक वैसे ही केंद्रीयकृत परीक्षा के प्रश्नपत्र भी थानों में रखे जाएंगे, जिन्हें परीक्षा शुरू होने के कुछ देर पहले निकाला जाएगा और स्कूलों में वितरित करेंगे। परीक्षा के पहले स्कूलों को प्रश्नपत्र का नमूना दिया जाएगा, ताकि शिक्षक इसके अनुसार बच्चों को तैयारी करा सकें। इस परीक्षा का पूरा सेटअप बोर्ड की तरह होंगे।
अन्य स्कूलों से केंद्राध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे। परीक्षा संपन्न होने के बाद उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए अगल से केंद्रीय मूल्यांकन केंद्र बनाए जाएंगे। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कक्षा 5वीं और 8वीं पढ़ाने वाले शिक्षक करेंगे।
कक्षा 5वीं और 8वीं की केंद्रीयकृत परीक्षा कराने के निर्देश मिले हैं। यह व्यवस्था बोर्ड की तरह होंगी। थानों में पेपर रखें जाएंगे। अब 8वीं तक के बच्चों के फेल होने पर सीधे कक्षोन्नत नहीं होंगे, फेल हो सकेंगे। दोबारा परीक्षा देनी होगी।
अरविंद मिश्रा, डीईओ, दुर्ग
इस साल से बोर्ड परीक्षा की तैयारी
कक्षा 8वीं तक के बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। यही कारण है कि मंत्री परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया है कि केंद्रीयकृत परीक्षा (एक तरह से बोर्ड) कराई जाएगी। कक्षा 5वीं व 8वीं केंद्रीयकृत परीक्षा छत्तीसगढ़ के पाठ्यक्रम से संचालित सभी स्कूलों में होंगी। परीक्षाएं जिला स्तर पर ली जाएंगी। जिला शिक्षा विभाग परीक्षा कराएगा। सबसे अच्छी बात यह है कि इस परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों को परीक्षा या अन्य कोई भी शुल्क नहीं देना होगा।