यह भी पढ़ें:
Kankali Math: सिर्फ दशहरा के दिन खुलता है कंकाली मठ, 1000 साल पुराने शस्त्रो की हुई पूजा अतिथियों ने बताया सौभाग्य का प्रतीक
दशहरा उत्सव के अंत में दर्शकों की मायूसी को भापते हुए मुख्य अतिथि दीपक दुबे को कहना पड़ा कि बुराई के प्रतीक रावण के पुतले को यहां किसी को जलाना नहीं पड़ा। यह पुतला खुद जल उठा, जो हम सब के लिए सौभाग्य का विषय है। यह उत्सव हमें सिख देती है कि बुराई का हमेशा अंत होता है। इसलिए हमें बुराई का त्याग करना चाहिए।
दिया साइबर क्राइम के खात्मे का संदेश
न्यू तरुण खेल एवं सांस्कृतिक समिति द्वारा इस दशहरा उत्सव में जिला पुलिस के साथ मिलकर साइबर अपराध से बचने का लोगों को संदेश भी दिया गया।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर एके खान और आभार प्रदर्शन पूर्व पार्षद लीलाधर पाल ने किया। इस अवसर पर न्यू तरुण खेल एवं सांस्कृतिक समिति पदमनाभपुर के अध्यक्ष अनुज दुबे, आनंद कपूर ताम्रकार, कुलवंत भाटिया, अन्य सदस्यों के अलावा हजारों की संया में दर्शक मौजूद रहे।
न्यू तरुण खेल एवं सांस्कृतिक समिति द्वारा प्रतिवर्ष पद्मनाभपुर मिनी स्टेडियम में दशहरा उत्सव का भव्य आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी दशहरा उत्सव में समिति द्वारा रावण के विशालकाय पुतला के दहन के अलावा गगनचुंबी आतिशबाजी के प्रदर्शन, छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम, रामलीला मंचन के आयोजन की व्यवस्था की गई थी, लेकिन रावण के पुतले के अचानक जल उठने से दशहरा उत्सव का कार्यक्रम आधा अधूरा रह गया। जब पुतला जला तब उत्सव के मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव दीपक दुबे का उद्बोधन शेष था।
रावण के पुतले के खुद जलने का यह घटनाक्रम इतनी तेज़ी से घटा कि आयोजन समिति के सदस्य भी कुछ नहीं कर पाए। इधर संपूर्ण कार्यक्रम का आनंद नहीं उठा पाने का यह मलाल दर्शकों के चेहरों पर मायूसी के रूप में नजर आई। दशहरा उत्सव के मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव दीपक दुबे थे। अध्यक्षता समाजसेवी रत्नाकर राव ने की। विशेष अतिथि नगर निगम के एमआईसी सदस्य दीपक साहू, पार्षद हेमा जगदीश शर्मा, समाजसेवी कैलाश बारमेचा, डॉ. दीपक वर्मा, जिला बेटी बचाओ मंच अध्यक्ष रश्मि अग्रवाल, एएसपी शहर अभिषेक झा, सीएसपी चिराग जैन मौजूद रहे।