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Theft in house: परिवार गया था रावण दहन देखने, इधर चोरों ने घर का ताला तोडक़र 5 लाख की ज्वेलरी व नकद किए पार शहर एएसपी सुखनंदन सिंह राठौर ने बताया कि साइबर जागरुकता अभियान चला रहे हैं। इसी कड़ी में अब तक दुर्ग पुलिस पुलिस ने 1 लाख 40 हजार लोगों को जागरूक किया है। विभिन्न थानों द्वारा बनाए गए सोशल ग्रुप से करीब 2 लाख लोग जुड़ गए हैं। अन्य सोशल प्लेटफॉर्म पर 4 हजार 500 लोग जुड़े हैं।
साइबर प्रहरी के जरिए लोगों के मोबाइल पर रोज वीडियो और स्लोगन डालकर जागरूक किया जा रहा है। इस पहल को जनता से काफी सराहना मिल रही है। स्कूल, कॉलेज, सामाजिक संगठनों, शासकीय संस्थानों में दुर्ग पुलिस की टीम पहुंचकर लोगों को साइबर क्राइम को लेकर जागरुक कर रही है।
अहंकारी रावण को बनाया साइबर ठग
विजयादशमी पर दुर्ग पुलिस और पद्मनाभपुर मिनी स्टेडियम की एक समिति ने मिलकर रावण को साइबर ठग बना दिया।
रावण के पुतले में साइबर क्राइम लिखकर उसे जलाया गया। मौके पर उपस्थित करीब 20 हजार की जनता को आईजी रामगोपल गर्ग ने बताया कि साइबर फ्रॉड क्या होता है। उससे बचने के तरीके भी बताए। इसके माध्यम से लोगों को साइबर अपराधियों से बचने के लिए जागरूक किया गया।
पासवर्ड रखें मजबूत
साइबर प्रहरी के नोडल अधिकारी डॉ. संकल्प राय ने बताया कि बैंक खातों के पासवर्ड को मजबूत बनाने के लिए आठ अंकों का संयोजन, जिसमें बड़े-छोटे अक्षर, संख्या और विशेष चिन्ह का उपयोग करें। लॉटरी या किसी लालच में न पड़ने की हिदायत दी गई। ठगी का शिकार होने पर साइबर पुलिस से तुरंत संपर्क शिकायत दर्ज कराने कहा। इसके अतिरिक्त क्या करें और क्या ना करें भी बताया।
एएसपी ने दी जानकारी
एएसपी अभिषेक झा ने लोगों को बताया कि सिम कार्ड फ्रॉड और सिम स्वैपिंग तकनीक के जरिए बैंक खातों से धन चोरी के प्रयास हो रहे हैं। इससे बचने के लिए लोगों को सलाह दी कि वे केवल कस्टमर केयर के वास्तविक नंबरों का उपयोग करें। अज्ञात कॉल्स या मैसेज का जवाब न दें। अभिभावकों को बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा। उन्होंने साइबर बुलिंग से बचाने के उपायों के बारे में बताया। इसके अलावा साइबर अपराधियों द्वारा व्यक्तिगत जानकारी चुराने या गलत संदेश फैलाने से सावधान रहने की भी सलाह दी गई। ओटीपी की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि इसे किसी के साथ साझा न करें और अनचाही लिंक पर क्लिक करने से बचें।