8 बेबी वार्मर मशीन में 24 बच्चों को रखने की मजबूरी
जिला अस्पताल प्रबंधन ने नए एसएनसीयू में सीपेज की शिकायत मिलने के बाद उसे बंद कर दिया है। प्रबंधन ने उसकी जगह मदर्स केयर के एक छोटे वार्ड को विकल्प के तौर पर एसएनसीयू सेंटर बना दिया है। यहां जगह कम होने की वजह से सिर्फ 8 बेबी वार्मर मशीन लगाया गया है। बच्चों की संख्या अधिक और बेबी वार्मर मशीन कम पड़ रही है। ऐसे में एक-एक बेबी वार्मर मशीन में तीन-तीन बच्चों को रखना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
डॉक्टर स्वदेश वर्मा, चाइल्ड एक्सपर्ट, बीएम शाह ने बताया कि एक बेबी वार्मर मशीन में एक ही नवजात को रखा जाता है। दो बच्चों को एक में रखा जाए, तो दोनों को रखने की वजह अलग-अलग होती है। इससे एक के इंफेक्शन से दूसरा नवजात प्रभावित हो सकता है। यही वजह है कि अलग-अलग ही नवजात को रखकर उपचार किया जाता है। सीएम मेडिकल कॉलेज का किया जाएगा उपयोग
हेमंत कुमार साहू, सीएस, जिला अस्पताल ने बताया कि दुर्ग जिला अस्पताल, दुर्ग में अधिक नवजात होने पर बेबी वार्मर मशीन के लिए सीएम मेडिकल कॉलेज, कचांदूर में मरीजों को शिफ्ट किया जाएगा। इसको लेकर जिला प्रशासन से चर्चा भी चल रही है। जल्द नए भवन के एसएनसीटू का मरम्मत कर लिया जाएगा, तब यह दिक्कत दूर हो जाएगी।
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