उन्होंने कहा कि हमारी शुरुआत दंतेवाड़ा से हुई थी। फिर बिलासपुर डिविजन में पहुंचा। वहां भी कार्य किया। इसके बाद दुर्ग जिले की बड़ी जिम्मेदारी मिली। दुर्ग वीवीआईपी जिला होने के नाते शुरुआत के 6 महीने समझने में लगे। (Bhilai news Update) जब नए तीन आईपीएस मिले, उसके बाद अर्बन पुलिसिंग को भी बखूबी किया। प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में दुर्ग जिले की पुलिस का अच्छा नाम हुआ। शहर एएसपी संजय ध्रुव की टीम और तीन आईपीएस की वजह से 13 महीने का शानदार कार्यकाल रहा।
ट्रैफिक रूल्स का पालन करवाने सड़क पर उतरे पुलिस मुख्यालय से 13 पुलिस अधिक्षकों और दो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों का तबादला आदेश जारी किया गया है। 13 महीने के अपने कार्यकाल में एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने दुर्ग जिले के कई बड़े अपराधिक प्रकरणों को सुलझाया। पुलिसिंग की एक अलग परिभाषा गढ़ी। कम्यूनिटी पुलिसिंग के साथ-साथ नए जमाने के ट्रैंड को हथियार बनाया। (Bhilai News in Hindi) सोशल मीडिया पर मुखर होकर सामने आए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोपियों को सामने लाकर लाइव पूछताछ शुरु की। इससे अपराधियों को सोशल मीडिया पर वायरल होने का डर सताने लगा। वहीं ट्रैफिक रुल्स को तोड़ने वालों को भी लाइन में लाने एक अच्छी पहल की। (CG Breaking News) इसके परिणाम स्वरुप 45 प्रतिशत लोग अब हेलमेट पहनने लगे। नशे के खिलाफ, साइबर ठगी और महादेव ऐप बैटिंग के मामलों में उन्होंने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। ट्रैफिक व्यवस्था के लिए खुद सड़क पर उतर कर लोगों को समझाते थे। इसका भी लाइव होता था।
सिन्हा के सामने रहेगी क्राइम कंट्रोल की चुनौती अब दुर्ग जिले की कमान आईपीएस शलभ सिन्हा संभालेंगे। वे कांकेर जिले से आएंगे। दुर्ग जिला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का गृह जिला है। सायबर क्राइम जिले में बढ़ा है। वीवीआईपी की आना जाना लगा रहता है। (CG News Update) उनकी सुरक्षा के साथ क्राइम पर कंट्रोल और ट्रैफिक पर नियंत्रण करना नए एसपी शलभ सिन्हा के सामने बड़ी चुनौती होगी। जबकि जिले में बल की बहुत कमी है।