बता दें कि आगरा-बीकानेर नेशनल हाईवे-21 पर हलैना-तिलचिवी के बीच शुक्रवार दोपहर दो बजे ओवरटेक कर रही यूपी रोडवेज की बस लकड़ी से भरे ट्रेलर से टकरा गई। जिसमें बस सवार पांच महिला यात्रियों की मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि बस का एक तरफ का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। घायल 13 यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि बस में सवार अन्य 25 यात्री बाल-बाल बच गए थे। परिचालक सहित आठ घायलों का भरतपुर में उपचार जारी है।
चारों महिलाओं की हुई पहचान
पुलिस के मुताबिक मथुरा शहर की राधेश्याम कॉलोनी की निवासी नतीसा पत्नी सलीम खान का शव शुक्रवार को ही पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया था। लेकिन, बाकी चार महिलाओं की पहचान नहीं हो पाई थी। परिजनों के पहुंचने के बाद अब चारों महिलाओं की पहचान हो गई है। उत्तर प्रदेश के जेवर निवासी मृतका यासमीन अपनी सास नूरजहां, 3 साल की बच्ची अल्फीजा, एक साल के बेटे अल्फेज, भांजी खुशबु और रेशम के साथ जयपुर में अपनी बहन शर्मीली के घर घूमने जा रही थीं। इस हादसे में यासमीन, उसकी सास और दो भांजियों की मौत हो गई। वहीं, दो बच्चे घायल हो गए। जिन्हें परिजनों को सौंप दिया है। साथ ही पोस्टमार्टम के बाद चारों के शव परिजनों को सुपुर्द कर दिए है।
एक मृतका मायके जा रही थी टोडाभीम
मथुरा निवासी मृतका नतीसा पत्नी सलीम खान उत्तरप्रदेश रोडवेज बस में मथुरा से दौसा जिले के कस्बा महवा टोड़ाभीम के लिए सवार हुई थी। इसके साथ तीन वर्षीय आसिव व एक वर्षीय फिरोज खान भी थे। मृतका का करौली जिले के कस्बा टोड़ाभीम में मायका था। जहां मृतका की माता लम्बे समय से बीमार थी। इससे मिलने ये बच्चों सहित जा रही थी। हादसे के पीछे ये कारण आए सामने
- रोडवेज बस तेज गति में थी, गलत तरीके से ओवरटेक किया।
- ट्रेलर चालक ने ब्रेक लगाने का प्रयास किया, वो कम स्पीड में था।
- हाईवे पर हादसों को कम करने के लिए कोई प्लानिंग नहीं बनती।
- कमेटी बैठक में सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति कर दी जाती है।