scriptपत्रिका की पड़ताल में खुला राजकीय बालिका गृह के अंदर का बड़ा खेल ! | The magazine's investigation revealed a big game inside the Government Girls Home! | Patrika News
भरतपुर

पत्रिका की पड़ताल में खुला राजकीय बालिका गृह के अंदर का बड़ा खेल !

-बोले: एक घंटे मोबाइल पर बात करनी है तो दीजिये एक हजार रुपए
-राजकीय बालिका गृह में भ्रष्टाचार का खेल, जिम्मेदारों तक पहुंची शिकायतें, लेकिन हर बार जांच से किनारा

भरतपुरNov 22, 2024 / 06:17 pm

Meghshyam Parashar

राजकीय बालिका गृह में रह रही बालिकाओं से मोबाइल पर बात कराने के लिए एक घंटे के एक हजार रुपए तक वसूले जा रहे हैं। इतना ही नहीं गृह की दीवारों से बालिकाओं को सामान पहुंचाया जा रहा है। भ्रष्टाचार के इस खेल की शिकायत कितनी ही बार जिम्मेदारों तक भी पहुंची है, लेकिन उन्होंने भी अब तक जांच से किनारा कर रखा है। इससे बालिकाओं के पुर्नवास में भी परेशानी आ रही है। इस पूरे मामले को लेकर लेनदेन का एक ऑडियो भी वायरल हुआ है।
पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि राजकीय बलिका गृह की दीवारों पर लगे तारों को क्षतिग्रस्त कर परिचित डंडे के सहारे मोबाइल, खाने का सामान कपड़े पर अन्य सामान उपलब्ध करा रहे हैं। इससे बालिकाओं का पुर्नवास तक नहीं हो पा रहा है। कुछ दिन पूर्व कुछ बालिकाओं को परिजनों ने बाल कल्याण समिति को लिखित में शिकायत दी है। बाल कल्याण समिति ने अधीक्षक बलिका गृह व अन्य अधिकारियों को भी पत्र लिखकर शिकायत दी है, लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है। बल्कि यह खेल अब खुलेआम चल रहा है। यहां बालिकाओं से मोबाइल भी बरामद हो चुके हैं। हाल यह है कि पुरानी बंदी बालिकाएं यहां बालिका गृह के संरक्षण में आने वाली नई बालिकाओं से मोबाइल पर एक घंटे बात कराने के एक हजार रुपए, दो घंटे के दो हजार रुपए तक वसूल रही हैं।
चारपाई के पाये दीवार तोड़ निकलीं बालिका

राजकीय बलिका गृह में तीन दिन पहले भी लापरवाही का एक मामला सामने आया है। लोहे की चारपाई के पाये से जंगले के नीचे दीवार तोडकऱ बालिका बाहर निकल आर्ई। गनीमत रही कि बाहर की दीवार ऊंची होने के कारण बालिका भाग नहीं सकी। इस दौरान गार्ड की नजर बालिका पर पड़ी। इसके बाद उसने बाल कल्याण समिति व बालिकागृह अधीक्षक को सूचना दी। तब समझा कर उन्हें अंदर भेजा गया।
केस नम्बर एक: डीग जिले के कामां तहसील के एक गांव के एक व्यक्ति ने बाल कल्याण समिति में कार्रवाई कराने को लेकर शिकायत दी है कि बालिका गृह में रह कर मेरी लडक़ी फोन से एक लडक़े से बात करती है। बालिका गृह के अन्दर हमारी लडक़ी को यह लडक़ा मोबाइल देकर जाता है। ये हर शनिवार शाम सात बजे रात को मिलने आता है। हमारी लडक़ी को धमकी देता है कि अगर तुम अपने घर जाने के लिए तैयार हुई तो मरने की धमकी देता है। बालिका ्रगृह अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। लडक़ी को मानसिक रूप से कमजोर बना दिया है। दो बार पुलिस ने मेरी पुत्री से फोन पकड़े हैं।
केस नंबर दो: एक शिकायतकर्ता ने बाल कल्याण समिति को ऑडियो दिया है। इसमें मोबाइल फोन पर एक घंटे के एक हजार और दो घंटे के दो हजार रुपए मांगने की बात स्वीकार की है।
केस नंबर तीन: रूपवास इलाके के एक युवक ने बाल कल्याण समिति को शिकायत दी है कि उसकी बहन जो बालिका गृह में बन्द है। उसको लडक़े की ओर से फोन दिया गया है। जो लडक़े से बात करती है। इसके लिए बाल कल्याण समिति को एफआइआर करने के लिए शिकायत दी है।
इनका कहना है
-बालिकाओं की काउंसलिंग करते हैं तो पता चला है कि गृह में बलिकाएं लडक़ों से बात करती है। इससे बलिकाओं के पुर्नवास करने के लिए समस्या आ रही है। अधीक्षक बालिका गृह को कई बार लिखा जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। बालिकाओं के परिजनों की शिकायत आती है। एक ऑडियो भी आया है। बलिका गृह से कई बार फोन जप्त हो चुके है। फिर भी फोन पहुंच रहे है।
राजाराम भूतौली, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति

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