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भरतपुर

राजस्थान में फिर भड़की आरक्षण की आग, रेलवे ट्रैक के पास महापड़ाव शुरू, मौके पर भारी पुलिसबल तैनात

Jat Reservation Agitation: केंद्र में आरक्षण की मांग को लेकर बुधवार दोपहर भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज ने उच्चैन के जयचोली के निकट मुंबई रेलवे ट्रैक के पास महापड़ाव डाल दिया है। फिलहाल जाट नेताओं ने 22 जनवरी तक आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से करने की बात कही है।

भरतपुरJan 18, 2024 / 09:25 am

Kamlesh Sharma

Rajasthan Jat Reservation Protest latest update

Jat Andolan: केंद्र में आरक्षण की मांग को लेकर बुधवार दोपहर भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज ने उच्चैन के जयचोली के निकट मुंबई रेलवे ट्रैक के पास महापड़ाव डाल दिया है। फिलहाल जाट नेताओं ने 22 जनवरी तक आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से करने की बात कही है।

Bharatpur News: केंद्र में आरक्षण की मांग को लेकर बुधवार को भरतपुर-धौलपुर के जाटों ने उच्चैन के जयचोली के निकट मुंबई रेलवे ट्रैक के पास महापड़ाव डाल दिया। फिलहाल जाट नेताओं ने 22 जनवरी तक आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से करने की बात कही है। इसके बाद अगर केंद्र व राज्य सरकार सुनवाई नहीं करती है तो रेलवे ट्रैक व नेशनल हाईवे जाम कर आंदोलन ( Jat Reservation Agitation ) को तेज करने की भी चेतावनी दी है। महापड़ाव स्थल के अलावा मुंबई रेलवे ट्रैक व आगरा-बीकानेर नेशनल हाईवे पर भी गश्त बढ़ा दी गई है। संभाग के चार जिलों के अलावा अजमेर से भी पुलिस जाब्ता बुलाकर तैनात किया गया है।

समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि सात जनवरी को डीग के जनूथर में हुंकार सभा में केंद्र सरकार को 10 दिन का समय दिया गया था। सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। भरतपुर जिले के दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक के पास जयचोली में महापड़ाव डाला गया है। दूसरा महापड़ाव डीग जिले में बेढ़म गांव और तीसरा भरतपुर जिले में रारह में होगा। 100 से अधिक गांवों में जाट समाज के नेताओं को उन्हें महापड़ाव स्थल तक लाने की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य व केंद्र सरकार 2017 में भरतपुर में जाट आंदोलन देख चुकी है, इसलिए धैर्य की परीक्षा नहीं लेकर आरक्षण पर निर्णय लिया जाना चाहिए।

2015 में केंद्र ने खत्म किया था आरक्षण
भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों को केंद्र में आरक्षण दिए जाने की मांग वर्ष 1998 से चल रही है। वर्ष 2013 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने भरतपुर और धौलपुर जिलों के साथ अन्य 9 राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था। वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर-धौलपुर के जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया गया। लंबी लड़ाई लडऩे के बाद 23 अगस्त 2017 को पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया गया था, लेकिन केंद्र ने यह आरक्षण नहीं दिया।

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