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भरतपुर

बीमार व्यवस्था: व्याकुल मरीजों को टका सा जवाब, सुविधा चाहिए तो निजी अस्पताल में कराओ इलाज

– घर से कूलर-पंखे लाकर हवा राहत पाने को विवश हैं मरीज

भरतपुरJul 03, 2021 / 04:40 pm

Meghshyam Parashar

बीमार व्यवस्था: व्याकुल मरीजों को टका सा जवाब, सुविधा चाहिए तो निजी अस्पताल में कराओ इलाज

बीमार व्यवस्था: व्याकुल मरीजों को टका सा जवाब, सुविधा चाहिए तो निजी अस्पताल में कराओ इलाज

भरतपुर . दोपहर 05 बजे। स्थान जनाना अस्पताल। कोई हाथ से पंखा झल रहा है तो कोई दुधमुुंहे को लेकर बरामदे में टहल रहा है। कोई घर से कूलर लाकर राहत पा रहा है तो कोई गत्ते से हवा कर रहा है। यह सब जतन भीषण गर्मी से राहत पाने को हैं। व्याकुल और जननी और परिजन यदि स्टाफ से सुविधा की बात कर दें तो उन्हें टका सा जवाब मिल रहा है कि ‘सुविधा चाहिए तो निजी अस्पताल में जाकर इलाज कराओ।
अव्यवस्थाओं के बीच जनाना में जननी की जान और नवजातों की नब्ज गर्मी से व्याकुल है, लेकिन व्यवस्थाएं यहां हांफती नजर आ रही हैं। आलम यह है कि गर्मी से राहत पाने को मरीज घर से कूलर-पंखा लाकर काम चला रहे हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। अस्पताल में पूर्व में लगा सेंट्रल एसी सिस्टम अब यहां बीते दिनों की बात हो गई है। अस्पताल प्रशासन ने यूं तो यहां कूलर लगा रखे हैं, लेकिन वह दिखावे ज्यादा कुछ नजर नहीं आते। कुछ कूलरों में पंखड़ी नहीं है तो कुछ में पानी नहीं रहता है। शेष सही कूलरों से अस्पताल का स्टाफ राहत पा रहा है। ऐसे में भीषण गर्मी में मरीजों की जान मुश्किल में नजर आ रही है। आलम यह है कि यहां पंखे भी हवा कम और आवाज ज्यादा करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में मरीज गर्मी से हलकान हो रहे हैं। भले ही सरकार जननी की सुरक्षा पर हर माह लाखों रुपए खर्च कर रही हो, लेकिन जननी और नवजात भीषण गर्मी से राहत दिलाने के इंतजाम यहां नजर नहीं आ रहे। गर्मी में सहूलियत के नाम पर यहां मरीज अव्यवस्थाओं की पीर सहने को विवश नजर आ रहे हैं।
सेंट्रल एसी सिस्टम बीते दिनों की बात

जनाना अस्पताल में मरीजों को राहत देने के लिए सेंट्रल एसी की व्यवस्था की गई। वर्ष 2008 मेें आठ सितम्बर को पूर्व उद्योग राज्यमंत्री दिगंबर सिंह ने इसका उद्घाटन किया था, जो अब यहां नाम मात्र का ही रह गया है। मरीजों को इसका लंबे समय से लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में यहां मरीज व्याकुल हो रहे हैं। शिकायत करने के बाद भी मरीजों की यहां सुनवाई नहीं हो रही है।
यूं झलकी मरीजों की पीड़ा

रारह निवासी कविता के 29 जून को लड़का पैदा हुआ है। ऐसे में वह अस्पताल में भर्ती है। कविता की सास मीना ने बताया कि अस्पताल में गर्मी से राहत पाने को कोई इंतजाम नहीं है। पहले कूलर में पानी भरने को स्टाफ से विवाद हो गया। स्टाफ से इस संबंध में शिकायत की गई तो उनका जवाब था कि सुविधा चाहिए तो प्राइवेट अस्पताल में उपचार कराओ।
– मीना, निवासी गोपालपुरा रारह
सुभाष नगर निवासी विवाहिता कामिनी के 30 जून को लड़की हुई है। कामिनी की मां गीता ने बताया कि अस्पताल में गर्मी से राहत देने को कोई इंतजाम नहीं हैं। गर्मी में राहत नहीं मिलने पर घर से पंखा लेकर आए हैं। सभी मरीज गर्मी से बेहाल हैं। कई बार स्टाफ को कहा गया है, लेकिन यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
– गीता, निवासी सुभाष नगर

शहर के आनंद नगर निवासी जनाना में भर्ती जूली ने बताया कि अस्पताल में गर्मी से राहत देने को कोई इंतजाम नहीं है। यहां कूलर-पंखे खराब पड़े हैं। पंखे भी ठीक से हवा नहीं दे रहे हैं। कई बार इसको लेकर कहा गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे मरीज परेशान हैं।
– जूली, निवासी आनंद नगर
शहर के बुद्ध की हाट निवासी रीना को 28 जून को लड़का हुआ है। वह अभी अस्पताल में भर्ती है। रीना के भाई रोहिताश ने बताया कि अब उमस भरी गर्मी नहीं झेली जा रही है। ऐसे में घर से कूलर लाकर राहत पा रहे हैं। अस्पताल में मरीजों को कोई राहत नहीं मिल रही है।
– रोहिताश, निवासी बुद्ध की हाट
रजनी को 30 जून को पुत्र हुआ था। वह उसी दिन से उमस और गर्मी से इतनी परेशान थी कि रात को उसे बेचैनी हो गई। ऐसे में रात जागकर और कपड़े से हवा कर गुजारनी पड़ी। गर्मी से बेहाल मरीजों को राहत देने के लिए अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है।
– रुक्मणि, मरीज की नानी
अस्पताल में गर्मी से बचने का कोई भी उपाय नहीं है। छत पर लगा हुआ पंखा भी धीमी हवा दे रहा है। हाथ के पंखे से हवा कर गर्मी से बचाव कर रहे हैं। मेरी बहू रेखा यहां भर्ती है। गर्मी में यहां सभी बेहाल हैं।
– श्यामवती, मरीज की सास


गर्मी में सभी मरीज व्याकुल हो रहे हैं। शुक्रवार को मुझे पुत्र की प्राप्ति हुई है। वार्ड में गर्मी और उमस से परेशान हैं, लेकिन गर्मी से राहत पाने को यहां कोई इंतजाम नहीं हैं। शिकायत पर भी सुनवाई नहीं है।
– पिंकी, भर्ती मरीज


मेरी बहू भर्ती है। गर्मी से बहुत परेशान हैं। अस्पताल में कूलर-पंखों की व्यवस्था नहीं है। रात भर हाथ का पंखा झलकर हवा करनी पड़ती है। न रात को राहत है और न ही दिन में आराम मिल रहा है। अस्पताल प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
– आरती, भर्ती मरीज की सास


वार्ड में बहुत गर्मी है, लेकिन यहां एक ही कूलर लगा है। वह भी खराब है। कूलर में पानी नहीं चल सकता। यह केवल हवा दे रहा है। हवा को अपनी तरफ करने को लेकर मरीजों में हर रोज झगड़ा हो रहा है।
– सुमन, भर्ती मरीज

इनका कहना है

सेंट्रल एसी पहले से ही खराब है। खारे पानी के कारण वह खराब हो गया। तीन एसी लुपिन ने डोनेट किए हैं। लुपिन ने पांच की घोषणा की है, जो जल्द मिल जाएंगे। साथ ही 50 पंखे देने की भी बात कही है। हम खराब पंखे-कूलरों को जल्द बदलवा देंगे। मरीजों को राहत देने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए पीएमओ मैडम से भी एसी की डिमांड रखी गई है।
डॉ. रूपेन्द्र झा, प्रभारी जनाना अस्पताल

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