कृपाल के पिता रामभरोसी का शव आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी से दोपहर 1 बजे जघीना गांव ले जाया गया। उनके शव को जघीना गांव के चारथोक इलाके में स्थित कृपाल के घर रखा गया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात रहा। दोपहर करीब 1.30 बजे पुलिस वाहन में मृतक के बेटे रविंद्र को घर पर लाया गया। इसको लेकर परिवार की ओर से वैर कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बेटे रविंद्र को पिता के दाह संस्कार में शामिल होने के लिए अनुमति मांगी थी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया था। रविन्द्र सिंह को अजमेर जेल से सुबह 11 बजे बाहर लाया गया। पिता की अर्थी को बेटे रविन्द्र ने कंधा दिया। उसके हाथ में हथकड़ी लगी हुई थी। कृपाल के पिता के पार्थिव शरीर को दोपहर 2 बजे जघीना के श्मशान घाट लाया गया। जंजीर से बंधे हुए ही रविन्द्र ने पिता के शव को मुखाग्नि दी। पुलिस जाप्ते में सीओ आकांक्षा, डीएसटी एवं क्यूआरटी टीम के जवान तैनात रहे।
सभी परिजन जेल में
कृपाल के पिता रामभरोसी सोगरवाल (68) का निधन 22 नवम्बर देर शाम 7 बजे हो गया था, लेकिन घर में कोई भी पुरुष दाह संस्कार करने वाला नहीं था। ऐसे में उनका शव आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया था। गांव के ही कुलदीप की हत्या के आरोप में उनके रविंद्र सिंह, सत्यवीर सिंह, कृपाल का भतीजा पंकज और बेटा आदित्य जेल में हैं।
4 सितंबर को कृपाल, 12 जुलाई को कुलदीप
4 सितंबर 2022 को रात के करीब 10.45 बजे अपनी कार से घर जा रहे कृपाल जघीना पर 3 बाइकों पर आए 6 लोगों और एक कार में आए 3 बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। गाड़ी की बॉडी को छेदते हुए गोलियां कृपाल के गले, छाती और पेट में जा लगी। इससे कृपाल की मौके पर ही मौत हो गई। इसका आरोप कुलदीप पर लगाया गया। वहीं कुलदीप के परिजनों ने आरोप लगाया कि करीब 10 माह बाद कृपाल की हत्या का बदला लेने के लिए कृपाल के बेटे, भाई और भतीजे ने पेशी के दौरान कुलदीप की हत्या कर दी। कुलदीप को 12 जुलाई 2023 को रोडवेज बस में जयपुर से भरतपुर कोर्ट में पेशी पर लाया जा रहा था। अमोली टोल प्लाजा पर कुलदीप पर अंधाधुंध फायरिंग कर उसकी हत्या कर दी गई।